लखनऊ: समाजवादी पार्टी 2017 में अपने हाथों से सत्ता को फिसलता देख अपनी छवि को सुधारने के प्रयास में जुटी है, इसी के तहत कल खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति एवं पंचायतीराज मंत्री राजकिशोर सिंह को मंत्रिमण्डल से बर्खास्त किया गया और आज प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा कुछ दिन पूर्व नियुक्त किये गये प्रदेश के मुख्य सचिव को हटाकर नये मुख्य सचिव की नियुक्ति श्री यादव की हताशा को दर्शाता है।

साढ़े चार वर्ष पूर्व जबसे समाजवादी पार्टी सत्ता में आयी है तबसे प्रदेश में कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है। जंगलराज है। भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सरकार में शामिल मंत्रियों, विधायकों एवं शासन में बैठे अधिकारियों पर तरह-तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहेे हैं। जिसमें कुछ पर सीबीआई की जांच भी चल भी रही है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव एक नहीं बल्कि अनेकों बार मंत्रियों, विधायकों, पार्टी के नेताओं एवं अधिकारियों केा सुधर जाने, जमीनों पर कब्जा न करने, नाजायज खनन से दूर रहने, ट्रान्सफर-पोस्टिंग से अलग रहने की चेतावनी देते आये हैं किन्तु खुद समाजवादी पार्टी के नेता कानून व्यवस्था को धता बताते हुए तार-तार करने में जुटे रहे।

प्रदेश कंाग्रेस के कम्युनिकेशन विभाग के वाइस चेयरमैन वीरेन्द्र मदान ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यदि प्रदेश के मुखिया अपनी सरकार से ईमानदारी से भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों को /हटाने की बात करेंगे तो इनकी सरकार के अधिकतर मंत्री, विधायक एवं अधिकारी उस परिधि में आयेंगे।