स्टटगार्ट: आतंकी संगठन आईएस के चंगुल में लगभग तीन महीने तक ‘सेक्स गुलाम’ बनकर रहने वाली यजिदी महिला नादिया मुराद को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने सद्भावना दूत बनाया है। नादिया यूएन के साथ मिलकर मानव तस्करी के खिलाफ मोर्चा संभालेंगी।

जर्मनी के स्टटगार्ट में मंगलवार को हेग अतंरराष्ट्रीय कोर्ट में मानवाधिकार की वकील क्लूनी और क्षेत्रिय प्रधानमंत्री विंफ्रेड क्रेट्स्मैन ने नादिया को सद्भावना दूत बनाने का ऐलान किया। क्लूनी ने कहा कि बहादूर नादिया के साथ मिलकर हम आंतकियों के चंगुल से यजिदी महिलाओं और बच्चों को आजाद करा सकेंगे।

आतंकी संगठन आईएस के चंगुल से आजाद होने के बाद पिछले साल नादिया ने सेंट्रल लंदन के ट्रेड यूनियन कांग्रेस हाउस में अपनी दस्तां बयां कर सबको रूला दिया था। नादिया ने बताया था कि अगस्त 2014 को आईएस आतंकियों ने मेरे पूरे परिवार (छह भाई और मां) को खत्म करने के बाद मुझे उठाकर मोसूल ले गए थे। जहां पर मेरे साथ कई दिनों तक रेप किया गया। नादिया ने बताया, आतंकी हजारों यजीदी महिलाओं के साथ रेप करते हैं और जो उनकी बात नहीं मानते उनका कत्ल कर देते हैं। आतंकी छोटी-छोटी बच्चियों को भी नहीं बख्श रहे हैं। 8-9 साल की बच्चियों के साथ रेप कर रहे हैं।

इराक की रहने वाली नादिया ने कहा कि उनकी लड़ाई आतंकी संगठन आईएस के खिलाफ जारी रहेगी। नादिया यूके में रहकर इराक हिंसा पीड़ितों को इकट्ठा करने में जुटी हुई हैं और दुनिया को आईएस के खिलाफ जागरूक कर रहीं हैं। नादिया चाहती हैं कि शरणार्थी शिविर में रह रही महिलाओं की मदद की जाए और यजीदी महिलाओं के साथ आईएस आतंकियों द्वारा किए गए जघन्य अपराध की जांच हो।