लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव जयंत चौधरी दो अक्टूबर के बाद विकास के मुद्दे पर पद यात्रा निकालेंगे। इसी तारीख के बाद से रालोद अपना चुनावी बिगुल भी फूंकेगा। जयंत ने बुधवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी को तो निशाने पर लिया लेकिन बहुजन समाज पार्टी पर चुप्पी साधी रखी।

यह पूछे जाने पर कि आपके पिता जी और आप खुद बसपा पर नहीं बोलते। इस पर उन्‍होंने कहा कि जो सत्ता में होता है, बात उसी की जाती है। बसपा की नीतियों से सहमत होने के सवाल पर जयंत ने कहा कि नीतियां तो किसी पार्टी के सत्ता में आने के बाद मालूम होती हैं।

उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने की बहस को गैरजरूरी बताया और कहा कि अगर ऐसा होता है तो ये देश के फेडरल सिस्टम के खिलाफ होगा। जयंत ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग होते हैं, तो दोनों चुनावों में वोट भी अलग-अलग डाला जाना चाहिए।

बसपा सुप्रीमो मायावती के उत्तर प्रदेश के विभाजन की बात पर किए सवाल पर उन्होंने कहा कि वह हमारी नीति का ही समर्थन कर रही हैं। हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि सत्ता में आने पर यही विभाजन की बात करने वाले मुकर जाते हैं। वह सोचते हैं कि ऐसा करने से कहीं उनका 'हिस्सा' काम न हो जाये।