लखनऊ: निजी मेडिकल कालेज अब आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कालेजों के बराबर सालाना फीस वसूल पाएंगे। निजी मेडिकल कॉलेजों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने यह बड़ा फैसला किया है। सरकार ने शुक्रवार शाम कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के तहत चिकित्सा शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। सरकार का फैसला निजी मेडिकल कालेजों को इसी सत्र से लागू करना पड़ेगा।

करीब डेढ़ साल की लम्बी कवायद के बाद सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश के 22 निजी मेडिकल कालेज और 20 डेन्टल कालेज अपनी 5400 सीटों (3100 एमबीबीएस और 2300 डेन्टल सीट) में से आधी 2700 सीटों पर सरकारी मेडिकल कालेजों के बराबर ही सालाना फीस अभ्यर्थियों से वसूल सकेंगे। बाकी आधी सीट निजी मेडिकल कालेजों के अधिकार क्षेत्र में रहेंगी। उसमें वह अपने हिसाब से फीस वसूलेंगे।

सरकारी मेडिकल कालेजों में मौजूदा समय में एक अभ्यर्थी से 3600 रुपए सालाना फीस ली जाती है। इन मेडिकल कालेजों में 1800 एमबीबीएस और 60 डेन्टल कोर्स की सीटें हैं। जबकि निजी मेडिकल कालेज अपने यहां एमबीबीएस और डेन्टल कोर्स की सभी सीटों पर 10 लाख रुपए से अधिक सालाना फीस वसूलते हैं।