आशा बहुओं ने मेन गेट पर जड़ा था ताला

सुलतानपुर। जिला प्रशासन की लाल फीताशाही के चलते प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन कई घंटे तक प्रदर्शन के चलते मीटिंग हाल में कैद रहें। मीटिंग का घंटो बहाना बनाने के चलते मीडियाकर्मी भी नाराज हो गये। प्रमुख सचिव को मुख्य द्वार के बजाय दूसरे रास्ते से निकालना पड़ा।
बुधवार को प्रमुख सचिव हेमन्त राव विकास कार्यो की समीक्षा करने जिले में पहुचे थे। इधर जैसे ही प्रमुख सचिव मीटिंग हाल मे घुसे उधर आशा बहुओ ने कलेक्ट्रेट गेट पर ताला जड़ प्रदर्शन शुरू कर दिया। गुस्साई आशा बहुओ को कहना था कि प्रशासन उनकी मांगो पर कोई ध्यान नही दे रहा है। उधर नगर पालिका अध्यक्ष प्रवीन अग्रवाल की अगुवाई में सैकड़ो व्यापारी भी प्रशासन विरोधी नारे लगाते हुए मीटिंग हाल तक पहुच गये। व्यापारियो का कहना था कि दरोगा एसपी सिंह ने गर्भवती महिला की पिटाई किया था। जिससे उसका गर्भपात हो गया और पुलिस ने उलटे पीड़ितो पर ही एफआईआर दर्ज कर दो महिलाओं समेत चार को जेल भेज दिया। दरोगा पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए व्यापारी प्रदर्शन करते रहे। सीओ सिटी नवीना शुक्ला के समझाने के बावजूद भी व्यापारी प्रमुख सचिव से मिलने की जिद पर अड़े रहे। इसी बीच दूबेपुर ब्लाक के कमनगढ के सैकड़ो ग्रामीण पहुच गये और प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणो का कहना था कि कोटे के चयन को लेकर कई बार बैठक स्थगित हो चुकी है। पहले हुयी तीन बार की बैठक में नूरजहां की तरफ से 250 से 3 सौ लोगो ने हस्ताक्षर किया था। आरोप है कि हर बार प्रधान के दबाव में बहाना बना कर चयन प्रक्रिया निरस्त कर दी जाती रही है। मंगलवार को भी कोटा चयन की बैठक होनी थी। लगभग 12 बजे जब नोडल अधिकारी व सेके्रटरी नही पहुचे थे तो नूरजहां ने फोन पर बैठक के बारे मे जानकारी चाही तो जवाब दिया गया कि बैठक हड़ताल के चलते निरस्त कर दी गयी हैं। जिस पर नूरजहां और उनके समर्थक अपने घर चले गये तो चुपके से नोड़ल अधिकारी और सेक्रेटरी ने प्रधान के परिजन का कोटा प्रस्ताव पास कर दिया। इसी दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रिया भी पहुच गयी। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो का कहना था कि सभासदो द्वारा गर्भवती महिलाओ के पोषण हेतु भोजन की व्यावस्था नही करायी जा रही है। हालाकि सभी ने प्रमुख सचिव को ज्ञापन सौंपा। प्रमुख सचिव ने सभी समस्याओ के निस्तारण का निर्देश दिया।