नई दिल्ली: जून में खत्म हुई पहली की तिमाही में भारतीय अर्थव्यस्था के विकास की रफ्तार में खासी कमी दर्ज की गई. वित्तवर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में देश में जीडीपी विकास दर 7.1 फीसदी रही. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से बुधवार को जारी ये ताजा आकंड़े सरकार के लिए चिंता का सबब बन सकते हैं, क्योंकि इससे एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ती आबादी के लिए नए रोजगार पैदा करने की क्षमता पर असर पड़ेगा.

इन आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर बीती 6 तिमाहियों की तुलना में सबसे कम रही. पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी विकास का यह आंकड़ा 7.9 फीसदी रहा था. वहीं वित्त वर्ष 2016 की पहली तिमाही में जीडीपी 7.5 फीसदी की दर से बढ़ी थी.

जीडीपी में गिरावट की मुख्य वजह निर्माण एवं खनन क्षेत्र के विकास दर में आई गिरावट बताई जा रही है. इन दोनों ही क्षेत्रों में पहली तिमाही में सबसे कमजोर विकास दर्ज किया गया. वहीं सेवा और रक्षा क्षेत्र में पिछली तिमाही की मुकाबले ज्यादा विकास दर्ज किया गया है.

हालांकि इस बीच भारत चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का दर्जा बनाए हुए है, लेकिन 7.6 फीसदी के अनुमानित विकास दर से काफी पीछे है.