लखनऊ: जिले के भीतर सरकारी प्राइमरी शिक्षकों के तबादले का अधिकार विभागीय अधिकारियों से छीन लिया गया है। अब जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति ही शिक्षकों का जिले के भीतर तबादला/समायोजन कर पाएगी।

इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने आदेश जारी कर दिया है। इस समिति में जिलाधिकारी अध्यक्ष होंगे और मुख्य विकास अधिकारी सदस्य व बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य सचिव होंगे।

अभी तक जिले के अंदर तबादले के लिए मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में समिति गठित होती थी। इसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य सचिव व डीआईओएस व एससीईआरटी के प्राचार्य सदस्य होते थे।

लेकिन अब बेसिक शिक्षा अधिकारी को एक निर्धारित प्रारूप पर समिति के सामने प्रस्ताव रखना होगा। इसमें शिक्षक का नाम, स्कूल का पता और विकास खण्ड के अलावा स्कूल में कार्यरत शिक्षकों, पढ़ने वाले बच्चों की संख्या लिखना होगा। इसके अलावा तबादले का औचित्य व स्कूल में मानकों के मुताबिक शिक्षकों की संख्या भी बतानी होगी।

विभाग के पास शिक्षकों के तबादले में बीएसए की मनमानी की शिकायतें थीं। इसे दूर करते हुए अधिकार जिलाधिकारी को दे दिए गए हैं ताकि मामला जिला स्तर पर ही सुलझ सके। वहीं आरटीई के मानकों के मुताबिक शिक्षक संख्या, एकल शिक्षक वाले स्कूल और बंद स्कूलों पर भी नजर है। इसलिए प्रारूप में छात्र संख्या और शिक्षकों की संख्या भी देनी होगी ताकि तबादले के बाद स्कूल में छात्र-शिक्षक अनुपात कम न हो जाए। जिन स्कूलों में शिक्षक छात्र संख्या के अनुपात से ज्यादा होंगे वहां से शिक्षक हटाए जाएंगे।