भारत को सौंपे सबूत, पाकिस्तान में रची गयी थी साज़िश

नई दिल्ली : पंजाब के पठानकोट में एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले को लेकर अमेरिका ने फिर पाकिस्‍तान की पोल खोली है। पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के संबंध में अमेरिका ने भारत को कुछ नए सबूत सौंपे हैं। इन सबूतों से साफ है कि हमले की साजिश पाकिस्‍तान में ही रची गई थी।

इन सबूतों के अनुसार, साजिश को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल किया गया था। अमेरिका ने इस बात की पुष्टि की है कि पठानकोट हमले की साजिश पाकिस्तान से ही रची गई थी।

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक इस मामले में अमेरिका ने भारत को कुछ सबूत सौंपे हैं। अमेरिका ने यह सबूत ऐसे समय में भारत को दिए है जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के खिलाफ पठानकोट हमले के संदर्भ में चार्जशीट दायर करने पर विचार कर रही है।
अमेरिका ने एनआईए को जानकारी दी है कि जनवरी में एयरबेस पर हुए हमले के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलरों के फेसबुक का आईपी एड्रेस और जैश के वित्तीय मामलों को देख-रेख करने वाले संगठन अल रहमत ट्रस्ट की वेबसाइट का आईपी एड्रेस और लोकशन पाकिस्तान में ही है।
ध्यानचंद पुरस्कार खेलों के विकास में आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है. अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार विजेताओं की प्रतिमा, प्रमाणपत्र और पांच लाख रुपए की नकद धनराशि मिलती है. राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार में ट्रॉफी और प्रमाणपत्र दिया जाएगा.

अंतरविश्वविद्यालय टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय को मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ट्रॉफी दी जाती है जिसकी पुरस्कार राशि दस लाख रुपए है. इसमें प्रमाणपत्र भी मिलता है. पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों का चयन एक समिति करती है जिसमें पूर्व ओलिंपियन, अर्जुन पुरस्कार विजेता, द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता, ध्यानचंद पुरस्कार विजेता, खेल पत्रकार, विशेषज्ञ, कमेंटेटर और खेल प्रशासक शामिल होते हैं.

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार और अर्जुन पुरस्कार चयन समिति के अध्यक्ष दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायधीश एस के अग्रवाल थे. द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार चयन समिति की अध्यक्षा एम सी मेरी कोम थी जबकि राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार के चयन पैनल के प्रमुख खेल सचिव राजीव यादव थे. पुरस्कार 29 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में प्रदान किए जाएंगे.