सीएसआईआर.सीडीआरआई में एनएमआर स्पेक्ट्रोस्कोपी के अनुप्रयोगों पर कार्यशाला
लखनऊ: सीएसआईआर.सीडीआरआई लखनऊ के सैफ प्रभाग मे 24.26 अगस्त को औषधि विकास मे हाई.फील्ड एनएमआर स्पेक्ट्रोस्कोपी के अनुप्रयोगों पर एक त्रिदिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। संस्थान की निदेशक डॉ मधु दीक्षित ने कार्यशाला का उदघाटन किया। अपने उदघाटन भाषण मे उन्होने आधुनिक एवं नवीन तकनीक को सीखने के महत्व और उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान हेतु नए कौशल के विकास पर ज़ोर दिया। उन्होने कहाए औषधि विकास हेतु हाई.फील्ड एनएमआर स्पेक्ट्रोस्कोपी के अनुप्रयोगों को सीखना निश्चित रूप से औषधि अनुसंधान के लिए बहुत लाभदायक होगा। डॉ बृजेश कुमार ने देश के विभिन्न संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से नई तकनीक की जानकारी एवं अपने कौशल विकास हेतु आए प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होने कहा की सीएसआईआर.सीडीआरआई मे विश्वस्तरीय एनएमआर सुविधा है सभी प्रतिभागी इस से अधिकतम लाभ ले सकते हैं।
उदघाटन सत्र मे डॉ आशीष अरोरा ने अपने व्याख्यान मे कहा की किस प्रकार प्रोटीन स्ट्रक्चर का लक्षणांकन किया जा सकता है और किस प्रकार एनएमआर तकनीक का प्रयोग करके प्रोटीन एवं लीगेण्ड की परस्पर क्रिया का अध्ययन किया जा सकता है एवं औषधि विकास मे इस से किस तरह से लाभ लिया जा सकता है। डॉ टी नरेंद्र ने प्रतिभागियों को ओर्गेनिक केमिस्ट्री एवं प्राकृतिक उत्पादों के अध्ययन मे एनएमआर तकनीक की उपयोगिता एवं महत्व बताया। डॉ आर एस अंपापति ने एनएमआर स्पेक्ट्रोस्कोपी के महत्व को समझाते हुये बताया कि क्यों औषधि अनुसंधान एवं विकास मे यह एक बहुमुखी उपकरण के रूप में जाना जाता है। डॉ संजीव शुक्ला ने प्रतिभागियों को द्वि.आयामी एनएमआर और उसके अनुप्रयोगों का संक्षिप्त परिचय दिया।
एनएमआर स्पेक्ट्रोस्कोपी मे कौशल विकास हेतु प्रायोगिक प्रशिक्षण और दो दिनों तक जारी रहेगा। प्रशिक्षण के पूर्ण होने के बाद प्रमाण.पत्र प्रदान किए जाएंगे।








