विश्व मीडिया में आने वाली रिपोर्ट में बताया गया है कि इराक और सीरिया समेत दुनिया के कई अन्य देशों में इस्लामी खिलाफत की स्थापना के दावेदार कट्टरपंथी संगठन 'आईएस' में शामिल अधिकांश आतंकवादी इस्लाम और शरीयत की बुनियादी बातों से भी अपरिचित हैं।
अमेरिकी अखबार "न्यूयॉर्क पोस्ट 'ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि यूरोपीय देशों से आईएस में शामिल होने के इच्छुक लोग न केवल यह कि इस्लामी शिक्षाओं से अनभिज्ञ होते हैं बल्कि वे आईएस की संस्कृति से भी अच्छी तरह अवगत नहीं होते। उनका ज्ञान ऑनलाइन उपलब्ध उस साहित्य तक सीमित होता है जो विशिष्ट शैली में इस्लाम की व्याख्या की पेशकश करता है। ज्यादातर लड़ाके इंटरनेट पर उपलब्ध इस्लाम मूर्खों के लिए 'जैसी किताबों का सहारा लेते हैं।
समाचार एजेंसी 'एसोसिएटेड प्रेस' की ओर से जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि विशेषज्ञों ने आईएस के कब्जे से प्राप्त होने वाली 3000 दस्तावेजों की समीक्षा की जिससे यह पता चला कि आइएस में शामिल होने वाले 70 प्रतिशत नए लड़ाके इस्लाम की बुनियादी और मौलिक शिक्षाओं से भी अनभिज्ञ है।
आईएस में रहने के बाद यूरोपीय देशों में वापसी पर गिरफ्तार इन लड़ाकों ने स्वीकार किया कि वे इस्लाम के बारे में जानकारी के लिए '' अमेज़ॉन '' जैसी वेबसाइटों से पुस्तकें खरीद रहे हैं। उन्होंने इस्लाम के बारे में जानकारी इंटरनेट से प्राप्त होने वाली पुस्तकें प्राप्त कीं।
कई पूर्व लड़ाकों ने कहा कि वह आईएस तंत्र और संस्कृति से भी अच्छी तरह वाकिफ नहीं थे। कुछ लड़ाके आईएस के क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में शांत जीवन गुज़ारने के दावों के आधार पर संगठन में शामिल हुए। कुछ लड़ाके केवल इसलिए आइएस का हिस्सा बने क्योंकि वह सीरियाई हुकूमत के विरोध में नहीं ।
ब्रिटेन में सीरिया से वापसी पर पकड़े गए दो लड़कों मोहम्मद अहमद यूसुफ सर्वर ने बताया कि उन्होंने आईएस में शामिल होने से पहले "अनभिज्ञ लोगों के लिए इस्लाम" और "जागरूकता न रखने वालों के लिए कुरान" जैसी पुस्तकों का अध्ययन किया।
आईएस द्वारा विरोधियों पर अमानवीय अत्याचार पर बात करते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि आईएस में चरमपंथ की संस्कृति इस्लामी शिक्षाओं से अनभिज्ञता का परिणाम है।