लखनऊ: प्रदेश के संस्कृति विभाग के सचिव डाॅ0 हरिओम ने कहा है कि संस्कृति विभाग स्वतंत्रता की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर दो दिवसीय (14 एवं 15 अगस्त, 2016 को) ‘‘जश्न-ए-आजादी’’ उत्तर प्रदेश का वृहद रूप में आयोजन करेगी। उन्होंने कहा कि बलिदानी महापुरूषों के योगदान को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विविध कला विधाओं के माध्यम से पूरे प्रदेश में प्रस्तुतीकरण किया जायेगा।
डाॅ0 हरिओम आज यहां संस्कृति विभाग के निदेशालय के सभाकक्ष में पत्र- प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम की यादें, संग्रहालयों, अभिलेखों, लोकगीत, सांस्कृतिक नृत्य एवं अन्य ललित कलाओं में सुरक्षित हैं। स्वतंत्रता आन्दोलन में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 1857 से 1947 तक 90 वर्षों में प्रदेश के अनेक रणबाकुरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। देश की आजादी की अनेक लड़ाईयां उत्तर प्रदेश की धरती पर लड़ी गयीं। अमर शहीद मंगल पाण्डे, रानी लक्ष्मीबाई, शहीद राम प्रसाद बिस्मिल तथा अशफाक उल्ला खां जैसे शहीदों ने हमें आज खुली हवा में सांस लेने का वातावरण उपलब्ध कराया।
सचिव संस्कृति ने बताया कि 14 व 15 अगस्त से दो दिवसीय ‘जश्न-ए-आजादी’ के कार्यक्रमों की इस श्रृंखला में जब्तशुदा गीतों की प्रस्तुतियां स्वतंत्रता आन्दोलन में उत्तर प्रदेश के योगदान से संबंधित अभिलेख प्रदर्शनियों का आयोजन, आजादी से संबंधित ऐतिहासिक स्मारकों के छायाचित्रों की प्रदर्शनियां, चित्रकला प्रतियोगिताएं तथा कला प्रदर्शनियों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि आजादी के परवानों पर आधारित नाट्य प्रस्तुतियों के आयोजन के साथ-साथ शास्त्रीय एवं लोकनृत्य तथा लोकगायन के कार्यक्रम प्रदेश के विभिन्न जनपद मुख्यालयों पर आयोजित किये जायेंगे। इन कार्यक्रमों को आमजन से जोड़ने का भी प्रयास किया जायेगा।
डाॅ0 हरिओम ने बताया कि प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, झांसी, गोरखपुर, इलाहाबाद, आगरा एवं फैजाबाद आदि जिलों में विभिन्न कला विधाओं के प्रदर्शन के माध्यम से ‘‘जश्न-ए-आजादी’’ को नमन करने में जनसहभागिता सुनिश्चित की जायेगी।