गौरक्षकों को गुंडा बताने पर हिंदू संगठन प्रधानमंत्री से नाराज़
नई दिल्ली। गौरक्षा पर पीएम के बयान से गोरक्षक और संत समाज नाराज है। ये नाराजगी इस कदर बढ़ गई है कि हिंदू महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लीगल नोटिस भेजने का फैसला किया है। हिंदू महासभा के स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि पीएम ने किस आधार पर 80 फीसदी गौरक्षकों को गुंडा करार दिया है। इसके लिए वो पीएम को लीगल नोटिस भेजेंगे। यही नहीं स्वामी चक्रपाणि ने कहा पीएम को ऐसा गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए।
वहीं हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रेसीडेंट चंद्रप्रकाश कौशिक ने कहा कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के काबिल ही नहीं है। वह वाजपेयी की तरह उसी तरह लौटेंगे जिस तरह वह 2004 में लौटे थे। उधर, गौरक्षकों के मुद्दे पर गुजरात में विश्व हिन्दू परिषद ने भी कड़ा एतराज जताया है। विहिप ने प्रेस नोट जारी करते लिखा कि 1 लाख से ज्यादा गायों का क़त्ल हो रही है, बावजूद कड़ा कानून नहीं है। गौरक्षक गुंडों के वेश में आते हैं, इस बयान से गौरक्षकों को सदमा लगा है।

एक लाख गायों को हत्या करने वाले कसाई गुंडे नहीं और गौरक्षक गुंडे? हिन्दू समाज को आपका यह परिवर्तन समझ में नहीं आ रहा। गायों को प्लास्टिक खाने से रोकने के लिए आपकी सरकारों के मुख्यमंत्रियों ने क्या किया? अगर 80 फीसदी गौरक्षक फर्जी हैं तो आपके 10 साल के शासन में आपने न्यायिक प्रक्रिया के तहत कितने लोगों को दंड दिया? दरअसल इस प्रेस रिलीज के बाद वीएचपी के दफ्तर को संपर्क किया गया तो कहा गया कि यह संतों की प्रतिक्रिया है जिसे विश्व हिन्दू परिषद ने जगह दी है।

बता दें कि रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौरक्षा के नाम पर उपद्रव करने वालों पर निशाना साधा था। तेलंगाना के मेडक में मिशन भगीरथ लॉन्च करने पहुंचे प्रधानमंत्री ने कहा कि नकली गोरक्षकों से सावधान रहें, साथ ही गोरक्षा के नाम पर उपद्रव करने वालों पर राज्यों से सख्त कार्रवाई करने को कहा है। प्रधानमंत्री ने असली गोरक्षकों से अपील की कि वो उन्हें एक्सपोज करें।
मोदी ने कहा था कि मुट्ठी भर लोग गौरक्षा के नाम पर समाज में टकराव लाने की कोशिश कर रहे हैं। सभी देशवासियों को कहना चाहता हूं ऐसे नकली गौरक्षकों से सावधान हो जाइए। नकली गौरक्षकों को समाज से लेना देना नहीं, बल्कि तनाव पैदा करना चाहते हैं राज्य सरकारों से कहना चाहता हूं कि नकली गोरक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सच्चे गौरक्षकों को कहना चाहता हूं कि आप भी सजग रहिए, कहीं आपका ये उम्दा काम मुट्ठी भर गंदे लोग आपको बदनाम न कर दे।