लखनऊ: ‘समाजवादी हस्तशिल्प पेंशन योजना’ के तहत चयनित हस्तशिल्पी को 500 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी। इस योजना में न्यूनतम 60 वर्ष या इससे अधिक आयु के आर्थिक रूप से कमजोर हस्तशिल्पियों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, महिला हस्तशिल्पियों एवं शारीरिक रूप से निःशक्त हस्तशिल्पियों को न्यूनतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट दी जाएगी।
यह जानकारी देते हुए आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने के निर्देश दिए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा हस्तशिल्पियों को योजना से लाभान्वित कराया जा सके। यह योजना समाजवादी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। ‘समाजवादी हस्तशिल्प पेंशन योजना’ के माध्यम से हस्तशिल्पियों के जीवन स्तर व उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने तथा पारम्परिक कलाओं को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए पुरजोर प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि योजना को जिले स्तर पर क्रियान्वित किया जाएगा। योजना की क्रियान्वयन की इकाई जिला होगी तथा धनराशि कम होने की स्थिति में शारीरिक रूप से निःशक्त एवं अधिक आयु के हस्तशिल्पियों को वरीयता प्रदान की जाएगी। समाजवादी हस्तशिल्प पेंशन हेतु हस्तशिल्पी द्वारा अपने गृह जनपद के उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र में निर्धारित प्रारूप पर आवेदन किया जाएगा। इसके साथ आय, आयु से सम्बन्धित प्रमाण-पत्र, हस्तशिल्प पहचान-पत्र (आर्टीजन कार्ड) एवं निवास प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा। लाभार्थियों के चयन की कार्यवाही वर्ष में दो बार प्रथम एवं तृतीय त्रैमास में की जाएगी।
हस्तशिल्पियों के पास विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्गत हस्तशिल्प पहचान पत्र होना आवश्यक है। शिल्पकार के परिवार की वार्षिक आय 01 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। योजना से आच्छादित शिल्पकार चार पहिया वाहन का मालिक नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, ‘समाजवादी हस्तशिल्प पेंशन योजना’ के तहत जिन लोगों को राज्य सरकार या भारत सरकार की किसी योजना से पेंशन या आर्थिक मदद मिल रही हो, वे इस योजना के पात्र नहीं होंगे। इसके अलावा, शिल्पकार, सरकारी, अर्द्ध सरकारी, गैर सरकारी, एन0जी0ओ0, निजी संगठनों में नियमित वेतनभोगी कर्मचारी भी नहीं होना चाहिए।
योजना के तहत आच्छादित होने वाले शिल्पकारों को उनके बैंक खाते में पेंशन की धनराशि त्रैमासिक आधार पर नेफ्ट के माध्यम से विकास आयुक्त हस्तशिल्प उत्तर प्रदेश, कानपुर द्वारा वितरित की जाएगी। योजना का क्रियान्वयन उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र द्वारा किया जाएगा। इसके प्रबन्धन आदि के लिए सम्बन्धित उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र पूरी तरह उत्तरदायी होंगे।