पाकिस्तानी चैनलों ने नहीं किया भारत के गृह मंत्री के भाषण का प्रसारण
इस्लामाबाद: सार्क सम्मेलन के लिए पाकिस्तान पहुंचे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद के हमदर्द देशों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. सिर्फ निंदा काफी नहीं है. आतंकवाद अच्छा या बुरा नहीं होता. आतकियों का महिमामंडन नहीं होना चाहिए. आतंकवादी को शहीद न बताएं। राजनाथ सिंह के इस भाषण को पाकिस्तान के चैनलों पर प्रसारित नहीं किया गया.

भारतीय मीडिया को भी राजनाथ सिंह का भाषण रिकॉर्ड करने से रोका गया, लेकिन जब नवाज शरीफ ने भाषण दिया तो उनका भाषण सभी चैनलों ने दिखाया. इससे नाराज होकर राजनाथ सिंह वहां लंच के लिए भी नहीं रुके और वह सीधे भारत वापस लौट रहे हैं.

इससे पूर्व राजनाथ सिंह के पाकिस्तान पहुंचते ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर राग छेड़ दिया है. उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अंदरूनी मामला नहीं है. नवाज शरीफ ने पाक विदेश मंत्रालय की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि कश्मीर में 'आज़ादी' की एक नई लहर है और कश्मीर भारत का अंदरूनी मसला नहीं है. नवाज़ ने राजनयिकों से कहा कि वह यह बात दुनिया को बताएं.

शरीफ ने कहा कि यह आंदोलन कश्मीर के अवाम की तीसरी पीढ़ी की रगों में दौड़ रहा है और आठ जुलाई की घटना के जरिए दुनिया ने खुद इसकी गंभीरता देखी है. उन्होंने हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के कश्मीर में मारे जाने का जिक्र करते हुए यह कहा.

उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीरी युवा आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए कुर्बानी के नए अध्याय लिख रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘गोलियों से उनकी आंखों की रोशनी चली गई लेकिन स्वतंत्रता की आकांक्षा उन्हें गंतव्य की ओर दिशानिर्देशित कर रही है.’’ शरीफ ने पाकिस्तानी दूतों से कहा कि राजदूतों को दुनिया को यह महसूस कराना चाहिए कि कश्मीर भारत की अंदरूनी समस्या नहीं है क्योंकि भारत ने पहले ही स्वीकार किया है कि यह विवादित क्षेत्र है और संयुक्त राष्ट्र ने भी इसे भारत और पाक के बीच विवाद बताया है.
वहीं दूसरी ओर बुधवार को इस्लमाबाद में सम्मेलन की जगह के बाहर स्थानीय लोगों ने राजनाथ के खिलाफ प्रदर्शन किया. बताया जा रहा है कि यह विरोध-प्रदर्शन आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाउद्दीन की अगुवाई में किया जा रहा है.