नई दिल्ली। गोरक्षा के नाम पर देश में कई हिस्सों में हुई हिंसक घटनाओं पर केंद्र सरकार में सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले का कहना कि गौरक्षा लोगों की जान की कीमत पर नहीं की जानी चाहिए। आठवले ने गौरक्षकों के तरीकों को गलत बताते हुए कहा कि ये बहुत गंभीर बात है।
आठवले के मुताबिक गौहत्या को रोकने के लिए कानून बना हुआ है। उनका कहना है कि लोग गाय की रक्षा करते रहें पर मानव हत्या क्यों हो रही है? आठवले के मुताबिक अगर लोग गौरक्षा करेंगे तो मानव रक्षा कौन करेगा? बात दें कि 11 जुलाई को गुजरात के उना में दलित परिवार की जबरदस्त पिटाई कर दी गई थी। उस परिवार पर मरी हुई गाय की चमड़ी उतारने का आरोप था।
रामदास का कहना है कि हमारा निवेदन इतना है कि गौहत्या के नाम पर मानव की हत्या करना मुझे ठीक नहीं लगता है। गाय को जो काटते है वो भी ठीक नहीं है, लेकिन इंसानों की भी रक्षा होनी चाहिए। मोदी जी को निर्देश देना चाहिए ताकि इस तरह का बीच-बीच में विवाद खड़ा ना हो।
वहीं जेडीयू नेता पवन वर्मा का कहना है कि रामदास आशावादी होंगे जो उन्होंने बीजेपी से ये सवाल पूछा है? बीजेपी जो करती है उसे आरएसएस का पूरा समर्थन है। मुझे लगता है अगर उन्हें अपने सवाल का जवाब चाहिए तो एनडीए को छोड़ना चाहिए।
रामदास आठवले ने बीएसपी अध्यक्ष मायावती पर भी हमला बोला है। आठवले के मुताबिक दलित समाज को बौद्ध धर्म अपना लेना चाहिए। इसके साथ ही आठवले ने बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर भी निशाना साधा। आठवले के मुताबिक अगर मायावती मनुवाद की आलोचना करती हैं। धर्मांतरण पर बात करती हैं, लेकिन बौद्ध धर्म अपनाती नहीं हैं।