हाजीपुर: बिहार में वैशाली जिले की एक अदालत ने एक परिवादपत्र पर सुनवाई करते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती सहित चार लोगों के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। हाजीपुर व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जयराम प्रसाद की अदालत ने अजीत सिंह द्वारा दायर एक परिवादपत्र की सुनवाई करते हुए गुरुवार को बसपा प्रमुख मायावती, बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, उत्तर प्रदेश प्रभारी रामअचल राजभर और राज्य सचिव मेवालाल के खिलाफ भड़काऊ भाषणों के जरिए समाज में नफरत फैलाने का आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
अजीत सिंह के अधिवक्ता रविशंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि अदालत ने नगर थाना प्रभारी को प्राथमिकी दर्ज कर मामले के अनुसंधान करने का आदेश दिया है।
अधिवक्ता सिंह ने बताया कि दायर परिवादपत्र में कहा गया है कि 21 जुलाई को एक जनसभा में मायावती ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की मां, पत्नी और बेटी को निशाना बनाने के लिए भड़काया था। इन भाषणों से देश की एकता और संप्रभुता भी प्रभावित हुई है तथा याचिकाकर्ता को भी तकलीफ पहुंची है।
उल्लेखनीय है कि दयाशंकर सिंह ने पिछले दिनों मायावती पर बेहद अभद्र टिप्पणी की थी, जिसके जवाब में बसपा के नेताओं ने दयाशंकर की पत्नी और बेटी के लिए वैसे ही अभद्र शब्द कहे थे। बहरहाल राजनीति में गाली-गलौज का दौर शुरू हो चुका है और इसका श्रेय दयाशंकर को जाएगा। दयाशंकर को हाल ही में भाजपा शासित राज्य झारखंड के देवघर में बैद्यनाथ मंदिर परिसर में देखा गया है।