शॉट पटर इंदरजीत सिंह का डोपिंग टेस्ट पॉज़िटिव निकला, बताया साजिश

नई दिल्ली: भारत के लिए रियो ओलिंपिक गेम्स करीब 10 दिन पहले ही शुरू हो गए हैं… वह भी बुरी खबरों के साथ। रियो ओलिंपिक खेलों के उद्घाटन (5 अगस्त) से काफी पहले पहलवान नरसिंह यादव और फिर शॉट पटर इंदरजीत सिंह का डोपिंग टेस्ट में पॉज़िटिव आना भारतीय खेलों के लिए बहुत ही निगेटिव ख़बर है। दरअसल पिछले तीन चार ओलिंपिक खेलों से पहले डोपिंग की ख़बर आना भारतीय खेलों की परंपरा बन गई है।
सिडनी ओलिंपिक (2000) खेलों से पहले बैडमिंटन खिलाड़ी अपर्णा पोपट, एथेंस ओलिंपिक्स (2004) के दौरान वेटलिफ्टर प्रतिमा कुमारी और सनामाचा चान्हू, बीज़िंग ओलिंपिक्स (2008) से पहले वेटलिफ्टर मोनिका देवी और अब रियो ओलिंपिक खेलों से पहले दो विकेट गिरते दिख रहे हैं।
भिवाणी में ट्रेनिंग करने वाले 28 साल के इंदरजीत सिंह 10 अगस्त को रियो जाने वाले थे और 18 अगस्त को उन्हें शॉटपट में हिस्सा लेना था, लेकिन इंदरजीत सिंह ने बताया सोमवार को उन्हें नाडा (नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी) से ख़त मिला जिसने उनकी रातों की नींद उड़ा दी। नाडा के ख़त के मुताबिक 22 जून को वह डोपिंग के टेस्ट में फ़ेल हो गए। खबरों के मुताबिक उन्हें एनाबोलिक स्टेरॉयड एंड्रोस्टेरॉन, इटियोकोलैनोलोन नाम के साल्ट के सेवन का दोषी पाया गया है।
ख़बरों के मुताबिक इंदरजीत एक डोपिंग टेस्ट से बच भी गए थे। इंदरजीत ने माना कि वह एक डोप टेस्ट के लिए हाजिर नहीं हो पाए थे, लेकिन उनका कहना है, "यह कोई अ‌पराध नहीं है। पिछले दो महीने में मेरे करीब आधे दर्जन टेस्ट हुए हैं। मैं एक शाकाहारी एथलीट हूं। मेरे ख़िलाफ़ साज़िश हुई है।"
इंदरजीत ने प्रधानमंत्री से भी अपील की कि वह इसकी छानबीन करवाएं वरना देश में खेल ख़तरे में पड़ सकता है।
फ़िलहाल इंदरजीत के रियो जाने की राह बहुत-बहुत मुश्किल है। आशंका यह भी है कि रियो जाने से पहले या रियो के दौरान कुछ और खिलाड़ी डोपिंग के जाल में न फंस जाएं और भारतीय खेलों को शर्मसार कर दें।