लखनऊ: प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण डा0 अनिता भटनागर जैन ने बताया कि प्रदेश में फुटबाल को प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावी व्यवस्था की गई है। लखनऊ सहित 32 जनपदों में फुटबाल खेल को बढ़ावा देने के लिए जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर आवश्यक व्यवस्थायें कराने के निर्देश दिये हैं।
डा0 जैन ने बताया कि लखनऊ, कानपुर , वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, बस्ती, बलरामपुर, बहराइच, फैजाबाद, सुल्तानपुर, मिर्जापुर, हमीरपुर, झांसी, आगरा, इटावा, लखीमपुर, बरेली, मुरादाबाद , मेरठ, सहारनपुर, श्रावस्ती, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, चन्दौली, पीलीभीत, बिजनौर, रायबेरली, अम्बेडकर नगर, बाराबंकी, आजमगढ़, मऊ, देवरिया जिले में फुटबाल प्रचलित हैं।
डा0 जैन ने बताया कि उ0प्र0 में फुटबाल संघ से विचार विमर्श करने के उपरान्त उनके द्वारा इन जनपदों में फुटबाल खेल हेतु रूचि बढ़ाई जा सकती है। इस परिप्रेक्ष्य में स्थानीय स्तर पर छोटे बच्चों में फुटबाल के प्रति रूचि विकसित करने की आवश्यकता है, जिसके लिये यह आवश्यक है कि स्कूल के मैदानों में या अन्य खेल मैदानों/पार्कों व स्थानीय निकायों के मैदानों में फुटबाल के गोलपोस्ट स्थापित कर जन सामान्य को प्रेरित किया जाय।
डा0 जैन ने इस सम्बन्ध में उक्त जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि फुटबाॅल खेलों के प्रति जन सामान्य को जागरूक/स्थानीय स्तर पर बच्चों में फुटबाॅल खेल के प्रति रूचि विकसित करने हेतु स्कूल के मैदानों, पार्कैं व स्थानीय निकायों के मैदानों में अपने स्तर से आवश्यक कार्यवाही कराये, जिससे प्रदेश में फुटबाॅल खेल को बढ़ावा दिया जा सके।
डा0 जैन ने बताया कि विश्व में फुटबाॅल अत्यंत लोकप्रिय खेल है। उत्तर प्रदेश में फुटबाॅल को बढ़ावा देने व उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश में पहली बार फुटबाॅल के प्रशिक्षकों हेतु क्रोशिएन फुटबाॅल फेडरेशन के माध्यम से 03 दिवसीय सेमिनार लखनऊ में आयोजित किया गया था। जिसमें मि0 ईवान कैपसीजा, टेक्निकल डायरेक्टर, फुटबाॅल क्लब रीयल मैड्रिड स्पोर्टस यूनिवर्सिटी क्रोएशिया मि0 ईवान पेरलिक, कोच, क्रोएशियाई अंडर-16 टीम, क्रोएशिया और मि0 टिहोमिर सेडिबेसिक, फिटनेश-ज्ञपदमेजीमजपबे कोच, टी0टी0एस0 स्पोटर्स सेंटर, क्रोएशिया उपस्थित हुए। अप्रैल, 2016 में क्रोशिएन फुटबाल फेडरेशन के निमंत्रण पर उनके देश में उपलब्ध सुविधाओं व प्रशिक्षण आदि का अवलोकन किया गया। बच्चों में फुटबाल हेतु रूचि पैदा करने के लिए वहां 04 वर्ष की उम्र से बच्चों को फुटबाल से खेलने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। यहाँ उल्लेखनीय है कि इस उम्र में केवल बाॅल से खेलने की आदत डाली जाती है, जिससे केवल भावनात्मक एवं सकारात्मक एसोशिएसन बन सके। छोटी उम्र में परफार्मेंस हेतु कोई प्रयास नही किये जाते है। बच्चों को पार्कें में मैदानों में केवल ख्ेालने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है।
डा0 जैन ने यह भी निर्देश दिये है कि जिन मैदानों में गोलपोस्ट लगवाये जाने की कार्यवाही की जाये, उसकी सूची उपलब्ध करायी जाये उन्होंने इस कार्य में जिला क्रीडाधिकारी के माध्यम से विद्यालयों अथवा कालोनियों आदि के बच्चों को, जो फुटबाल में रूचि रखते है, को प्रेरित किया जाये।