इम्फाल: सेना के कथित अत्याचारों के विरुद्ध लगभग 16 साल से लगातार अनशन पर रहकर संघर्ष का पर्याय बन चुकीं मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला अपना अनशन 9 अगस्त को खत्म करने जा रही हैं। उनके सहयोगियों के अनुसार, इरोम शर्मिला शादी करना तथा चुनाव लड़ना चाहती हैं।
42-वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला को कई साल से जबरन नाक में डाली गई ट्यूब के ज़रिये खिलाया-पिलाया जा रहा है।
इरोम शर्मिला ने नवंबर, 2000 में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल पॉवर्स एक्ट – अफस्पा – AFSPA) के विरुद्ध अनशन शुरू किया था। इस एक्ट के तहत सेना को मणिपुर में अतिरिक्त शक्तियां मिली हुई हैं।
दरअसल, इरोम शर्मिला के अनशन शुरू करने से 10 दिन पहले ही कथित रूप से असम राइफल्स के सैनिकों ने 10 लोगों को गोलियों से मार डाला था, जिनमें दो बच्चे भी शामिल थे।