लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में व्यापक जनहित के मद्देनजर 170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट परियोजना के संचालन को मंजूरी प्रदान कर दी है। परियोजना के संचालन के लिए तैयार किए गए आर0एफ0पी0 (रिक्वेस्ट फाॅर प्रपोजल) को भी मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
परियोजना का संचालन सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पी0पी0पी0) के आधार पर किया जाएगा। इस पर आने वाला व्यय एन0एच0एम0 मद से किया जाएगा। परियोजना का क्रियान्वयन महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के स्तर से किया जाएगा। नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट (एन0एम0एम0यू0) की प्रत्येक यूनिट में दो वाहन, एक चिकित्सीय कार्य हेतु तथा दूसरा स्टाफ के लिए होगा। एन0एम0एम0यू0 में डाॅक्टर, फाॅर्मासिस्ट, नर्स, लैब टेक्निशियन आदि उपस्थित रहेंगे।
एन0एम0एम0यू0 के माध्यम से प्राथमिक उपचार, कम्युनिकेबल एवं नाॅन-कम्युनिकेबल बीमारियों की स्क्रीनिंग, बेसिक लैब टेस्ट, टीकाकरण आदि सेवाएं प्रदान की जाएंगी। औषधियों की उपलब्धता विभाग द्वारा सुनिश्चित की जानी है। परियोजना के अन्तर्गत एम0एम0यू0 वाहनों का क्रय, उपकरणों का क्रय, मानव संसाधन की उपलब्धता एवं संचालन सम्बन्धी अन्य समस्त कार्य निजी सेवा प्रदाता द्वारा किया जाएगा। परियोजना की संचालन अवधि पांच वर्ष है तथा इस अवधि हेतु कुल अनुमानित परियोजना लागत 380 करोड़ रुपये है। सेवा प्रदाता को इन्ट्रेस्ट-फ्री मोबलाइजेशन एडवांस प्रदान किए जाने की व्यवस्था है। निविदा हेतु बिड पैरामीटर प्रति वाहन ट्रिप के अनुसार है जिसके अन्तर्गत समस्त कैपिटल एवं आॅपरेशनल व्यय समाहित होंगे। निजी सेवा प्रदाता के चयन पर अंतिम निर्णय एवं वांछित अन्य कार्यवाही पर अग्रेतर निर्णय लेने हेतु मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
यह परियोजना 36 जनपदों में संचालित की जाएगी। जिन जनपदों में यह योजना संचालित करने का निर्णय लिया गया है, उनमें सहारनपुर, रामपुर, बरेली, बदायूं, एटा, कासगंज, कन्नौज, कानपुर देहात, फर्रूखाबाद, हरदोई, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, बस्ती, आजमगढ़, सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी, रायबरेली, कौशाम्बी, इलाहाबाद, श्रावस्ती, गोण्डा, फैजाबाद, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, गोरखपुर, महराजगंज, अम्बेडकरनगर, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, लखनऊ, कानपुर नगर तथा वाराणसी शामिल हैं।