टेलीविजन की एक बहुप्रतिभाशाली अदाकारा है, मारिया वस्ती, जो आजकल जिन्दगी पर प्रसारित हो रहे मलिका-ए-आलिया में मलिका के रूप में नजर आ रही हैं। मारिया डेली सोप्स के बदले सीमित अवधि के धरावाहिको में काम करना पसंद करती हैं। ये ससुराल बेमिसाल और रिहाई जैसे धारावाहिकों में अभिनय कर चुकी इस अदाकारा का मानना है कि सोप्स में बहुत वक्त लगता है, असीमित समय तक चलते रहते हैं और लम्बे समय तक एक ही किरदार निभाकर हम ऊब जाते हैं। दूसरी ओर, सीमित अवधि के धरावाहिको में अदाकारों को थोड़ा वक्त और जगह मिल जाती है जिससे उनके लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनय करना संभव हो जाता है और सीमित अवधि के नाटकों में किरदार भी बेहतर तरीके से चित्रित किए हुए होते हैं। इसका एक उदहारण है मलिका-ए-आलिया में आलिया के रूप में उनका करियर को परिभाषित करने वाला किरदार जो अपनी अमीर बनने की असामान्य हसरतों को पूरा करने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकती है।
सीमित अवधि के धारावाहिक चुनने की अपनी पसंद के बारे मारिया वस्ती कहती हैं, मैं सोप्स करने से बचती हूँ क्योंकि ये बहुत लम्बे होते हैं और कभी-कभी ये हर तरह से उबाऊ और परेशान करनेवाले हो जाते हैं। सोप्स के लिए 7 से 8 दिनों तक काम करने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन यहाँ क्या होता है कि, वे लोग दिनों को और बढ़ाने की गुजारिश करने लगते हैं और आपको कुछ चीजें करने से रोकते हैं। जब आप एक सीमित अवधि का शो करते हैं, तब आपको कम-से-कम यह पता होता है कि, वह कब खत्म हो रहा है और ऊबने से पहले आप कहानियाँ कर चुके होते हैं।