नई दिल्ली: सूरत के लाजपोर सेंट्रल जेल से शुक्रवार को रिहा हुए पाटिदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए हार्दिक को 9 महीने बाद रिहा किए गए हैं।
गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी इस बार किस्मत आजमाने वाली है। इसके लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सक्रिय हैं। हाल ही में वह सोमनाथ के दर्शन करके लौटे हैं।
गुजरात हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल को विसनगर हिंसा मामले में 11 जुलाई को जमानत दे दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि 9 महीने तक वे मेहसाणा में प्रवेश नहीं कर सकते हैं।
इससे पहले उन्हें राजद्रोह के दो मामलों में कोर्ट ने जमानत दी थी। इसके साथ कोर्ट ने शर्त भी रखी थी कि जेल से छूटने पर उन्हें छह महीने का समय राज्य से बाहर गुजारना होगा।
गौरतलब है कि विसनगर में भाजपा विधायक रिषिकेश पटेल के कार्यालय पर हमले और उस दौरान हुर्ई हिंसक घटनाओं के मामले और कुछ अन्य मामलों में जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी।
22 साल के हार्दिक को पिछले साल अक्टूबर में राजकोट से गिरफ्तार किया गया था। उसी माह उनके खिलाफ अगस्त के आंदोलन की हिंसक घटनाओं और सूरत में अपने एक समर्थक को आत्महत्या करने की बजाय पुलिसवालों को मारने की सलाह देने को लेकर राजद्रोह के ये अलग-अलग मामले अहमदाबाद और सूरत के अमरोली में क्राईम ब्रांच ने दर्ज कराए थे।