नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बना दिया गया है। वैसे तो काफी दिनों से इस बात की चर्चा थी, लेकिन आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जर्नादन द्विवेदी और गुलाम नबी आजाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी औपचारिक घोषणा की। संजय सिंह को यूपी में प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया और आरपीएन सिंह को उपाध्यक्ष बनाया गया है।
कांग्रेस ने यूपी के चुनावों के लिए एक संयोजन समिति भी बनाई है, जिसके अध्यक्ष प्रमोद तिवारी होंगे। इसके सदस्यों में मोहसिना किदवाई, सलमान ख़ुर्शीद, राजीव शुक्ला, श्रीप्रकाश जायसवाल, रीता बहुगुणा, सलीम शेरवानी और प्रदीप जैन आदित्य, पीएल पुणिया, निर्मल खत्री, प्रदीप माथुर शामिल हैं। खबरों के मुताबिक, प्रियंका भी जोर-शोर से प्रचार करेंगी।
कुछ हफ्ते पहले तक 78-वर्षीय शीला दीक्षित इस सोच से मुब्तिला लग रही थीं कि उत्तर प्रदेश जाना हारी हुई बाज़ी खेलने जैसा होगा और उन्होंने इस पेशकश को ठुकरा भी दिया था। शीला दीक्षित तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं और राजीव गांधी की सरकार में भी उन्होंने संसदीय राज्य मंत्री और पीएमओ में राज्य मंत्री का ज़िम्मा संभाला।
हाल ही में पार्टी के लिए चुनावी रणनीति बनाने के काम पर लगाए गए प्रशांत किशोर, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2014 में हासिल जीत और पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की शानदार जीत का श्रेय दिया जाता है, की टीम के सूत्रों के अनुसार, वह राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई ब्राह्मण चेहरा चाहते हैं, जिसमें शीला दीक्षित फिट बैठती हैं। इसके अलावा प्रशांत किशोर के मुताबिक दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में उनका तजुर्बा उत्तर प्रदेश के लोगों को भी लाभान्वित कर सकता है, जो अपने राज्य के पिछड़पन से दुःखी हैं।