नयी दिल्ली: ऐसा समझा जाता है कि दूरसंचार मंत्रालय ने सेवा प्रदाता भारती एयरटेल और एयरसेल के बीच 3,500 करोड़ रपए के 4जी स्पेक्ट्रम कारोबार सौदे को मंजूरी दे दी है।एक आधिकारिक सूत्र कहा, ‘दूरसंचार मंत्री ने चार जुलाई को भारती एयरटेल और एयरसेल के बीच स्पेक्ट्रम कारोबार सौदे को मंजूरी दे दी।’ मौजूदा कानून एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास चार जुलाई को दूरसंचार विभाग का भी प्रभार था।
इस बारे में संपर्क किये जाने पर भारती एयरटेल ने कुछ भी कहने से मना कर दिया।भारती एयरटेल ने एयरसेल के साथ 3,500 करोड़ रुपए के आठ दूरसंचार क्षेत्रों (सर्किल) में 4जी स्पेक्ट्रम के उपयोग का अधिकार खरीदने के संबंध में समझौता किया है।
इन आठ सर्किल में तमिलनाडु (चेन्नई समेत), बिहार, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, असम, पूर्वोत्तर, आंध्रप्रदेश और ओड़िशा शामिल हैं। सूत्र ने कहा, ‘एयरटेल को इस मंजूरी के लिए ओड़िशा में 1.2 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम सौंपने के लिए कहा गया क्योंकि कंपनी के पास इस सौदे के बाद उपलब्ध स्पेक्ट्रम निर्धारित सीमा से अधिक हो रही थी। कंपनी ने इस सौदे की मंजूरी से पहले 1800 मेगाहर्ट्ज में 1.2 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम वापस किया।’
इधर वरिष्ठ वकील और कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने आठ जुलाई को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को भेजे पत्र में मांग की थी कि एयरसेल के स्पेक्ट्रम पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि एयरटेल और आरकॉम के प्रस्तावित सौदे को होने दिया जाता है तो उसकी मलेशियाई कंपनी भाग निकलेगी।
पत्र में कहा गया कि सीबीआई ने एयरसेल-मैक्सिस के मलेशियाई मालिक आनंद कृष्णन के खिलाफ विस्तृत आरोप पत्र दायर किया है और प्रवर्तन निदेशालय ने भी उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व दूरसंचार मंत्री की परिसंपत्तियां भी जब्त कीं लेकिन मैक्सिस की नहीं। मलेशिया की मैक्सिस कम्यूनिकेशंस की एयरसेल में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है और शेष हिस्सेदारी 26 प्रतिशत सिंदिया सीक्योरिटीज एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के पास है।