नई दिल्ली: अर्जेंटीना और बार्सिलोना क्‍लब के दिग्‍गज फुटबॉलर लियोनेल मेसी और उनके पिता जार्गे को टैक्‍स धोखाधड़ी के मामले में 21 माह जेल की सजा सुनाई गई है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए उन्‍हें जेल में नहीं जाना पड़ेगा। उन पर करीब 15 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
कोर्ट ने यह सजा तीन टैक्स के मामलों में सुनाई है। इंटरनेशनल लेवल पर मेसी अर्जेंटीना के लिए खेलते थे जबकि क्लब और लीग लेवल पर स्पेन के बार्सिलोना के लिए खेलते हैं।
जानकारी के अनुसार, मेसी को अपनी छवि गढ़ने के मामले में टैक्‍स चोरी को दोषी ठहराया गया और स्‍पेन के केटेलोनिया कोर्ट ने उन्‍हें 21 माह की सजा सुनाई है। चूंकि यह सजा दो साल से कम की है और न तो लियोनेल मेसी तथा न ही उनके पिता जोर्गे का कोई आपराधिक रिकॉर्ड रहा है, इसलिए उन्‍हें जेल जाने की जरूरत नहीं होगी। अपने बचाव में मेसी ने कहा था कि उन्हें और उनके पिता को टैक्‍स नियमों के बारे में जानकारी नहीं थी हालांकि स्‍टेट अटार्नी मारिया माजा ने इस दावे को लगभग खारिज करते हुए महान फुटबॉलर की माफिया बॉस से तुलना की।
अर्जेंटीना में पैदा हुए लियोनेल मेसी बचपन में वृद्धि (ग्रोथ) हार्मोन की कमी से पीड़ित थे, जिससे उनका शारीरिक विकास रुक गया था। महज 4 साल की उम्र से ही फुटबॉल के दीवाने हो चुके मेसी को 11 साल की उम्र में इस बीमारी का पता चला। इसके उपचार के लिए उनके पास पैसे नहीं थे और अर्जेंटीना के जिस क्लब से वह खेलते थे उससे भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही थी। यह समस्या उनके फुटबॉलर बनने के सपने में सबसे बड़ी बाधा थी। फुटबॉल में महारत हासिल करने जा रहे मेसी की इस बीमारी से उनके मां-बाप भी काफी परेशान थे। बाद में स्पेन में रहने वाले मेसी के रिश्तेदारों ने उन्हें बार्सिलोना फुटबॉल क्लब से जुड़ने की सलाह दी। इस क्लब ने 13 साल के मेसी को हाथोंहाथ लिया और उनके इलाज की जिम्मेदारी भी ली। फिर क्या था तीन साल में मेसी फिट हो गए और फुटबॉल के मैदान पर उनकी जादूगरी रंग लाने लगी।
चिली के खिलाफ कोपा अमेरिका 2016 में मिली हार के बाद अर्जेन्टीना के कप्तान नियोनेल मेसी ने खेल को अलविदा कह दिया था। दरअसल वह अर्जेंटीना टीम के चार फाइनल गंवाने से दुखी थे। शानदार करियर और पांच बार विश्व के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर का खिताब जीतने और तीन बार यूरोपीय गोल्डन शू का ख़िताब जीतने वाला इकलौता फुटबॉलर होने के बावजूद मेसी को कई मौकों पर अपने देश के प्रशंसकों की आलोचना का सामना करना पड़ा था।
2008 में मेसी ने ओलिंपिक में अर्जेंटीना को स्वर्ण पदक दिलवाया, यही उनकी देश के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि रही है, क्योंकि उनके रहते अर्जेंटीना को 4 फाइनल में हार का मुंह देखना पड़ा।
साल 2007 के कोपा अमेरिका के फाइनल सहित अर्जेंटीना की टीम को मेसी के रहते 4 बार बड़े फाइनल मुकाबलों में हारी थी, जिनमें 2014 के वर्ल्ड कप फाइनल में जर्मनी ने 1-0 से, 2015 के कोपा अमेरिका के फाइनल में चिली ने पेनल्टी में मात ही दी थी और अब एक बार फिर चिली ने कोपा 2016 फाइनल में मेसी की अर्जेंटीना को मात दे दी। मेसी 5 बार के बैलन डि ओर (फीफा के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी) विजेता हैं। यही नहीं मेसी अर्जेंटीना के लिए सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं, उन्होंने 55 गोल किए हैं।