मुंबई: ब्रिटेन में जनमत का फैसला यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के पक्ष में आने से घरेलू बाजार समेत दुनिया भर के बाजारों में आज भारी उठापटक रही। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 604.51 अंक लुढ़ककर 26,397.71 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में चार महीने में किसी एक दिन में आई यह सबसे बड़ी गिरावट रही।
ब्रिटेन में यूरोपीय संघ को लेकर हुये जनमतसंग्रह में 51.9 प्रतिशत मत यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के पक्ष में डाले गये। ब्रिटेन के इस फैसले के बाद दुनियाभर के बाजारों में उठापटक रही और शेयर मूल्यों में गिरावट आ गई। भारतीय शेयर बाजार में आई गिरावट के परिणामस्वरूप निवेशकों की कुल संपत्ति में करीब 1.79 लाख करोड़ रुपये की कमी आयी।
अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया भी कारोबार के दौरान 96 पैसे टूटकर 68 के स्तर से नीचे चला गया। लेकिन रिजर्व बैंक के नकदी हस्तक्षेप के बाद स्थानीय मुद्रा को शुरूआती नुकसान से थोड़ा उबरने में मदद मिली।
ब्रिटेन के 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का परिणाम आने के बाद प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने इस्तीफे की घोषणा की।
वैश्विक बाजारों में जापान का निक्केई 7.92 प्रतिशत जबकि हांगकांग का हैंगसेंग 2.92 प्रतिशत लुढ़क गया। यूरोपीय शेयर बाजारों में गिरावट का रूख रहा। लंदन स्टाक एक्सचेंज का एफटीएसई सूचकांक 5.0 प्रतिशत तक नीचे गया। एक समय यह 9.0 प्रतिशत लुढ़क गया था।
घरेलू बाजारों में सेंसेक्स शुरूआती कारोबार में करीब 1,100 अंक नीचे चला गया था लेकिन बाद में कुछ लिवाली तथा वित्त मंत्री अरूण जेटली एवं रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन समेत प्रमुख नीति निर्माताओं के बयानों का बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा और गिरावट थम गई तथा बाजार में कुछ सुधार हुआ।
तीस शेयरों वाला सूचकांक गिरावट के साथ 26,367.48 पर खुला और इसमें लगातार गिरावट दर्ज की गयी तथा एक समय 26,000 अंक के नीचे 25,911.33 अंक के निम्न स्तर पर पहुंच गया।
हालांकि, बाद में कुछ लिवाली से इसमें सुधार आया और यह 604.51 अंक या 2.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 26,397.71 अंक पर बंद हुआ। 11 फरवरी के बाद सूचकांक का यह सबसे न्यूनतम स्तर है।
पचास शेयरों वाला एनएसई निफ्टी भी एक समय 8,000 अंक के नीचे 7,927.05 अंक पर चला गया लेकिन बाद में यह 181.85 अंक या 2.20 प्रतिशत की बढ़त के साथ 8,088.60 अंक पर बंद हुआ।