नई दिल्ली। भारत ने विश्वास जताया कि उसे परमाणु आपूतिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता मिल जाएगी और साथ ही साफ किया कि वह किसी अन्य देश के आवेदन का विरोध नहीं करेगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भारत इस मुद्दे पर अपने आम सहमति के दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ता रहेगा और साथ ही चीन का समर्थन हासिल करने का भी प्रयास करेगा।
सुषमा ने कहा कि हम चीन को भी मनाने में कामयाबी हासिल कर लेंगे। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत एनएसजी में प्रवेश के लिए किसी अन्य देश के आवेदन का विरोध नहीं करेगा। लेकिन, विदेश मंत्री ने साथ ही रेखांकित किया कि अंतिम निर्णय योग्यता के आधार पर होना चाहिए।
सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के मुद्दे पर भी सरकार का रुख रखा। उन्होंने कहा कि पठानकोट पर पाकिस्तान करे ठोस कार्रवाई करे। आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकते। हालांकि उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत रद्द नहीं की जा रही है।
साथ ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा का बचाव करते हुए कहा कि इसके कई फायदे हैं। सुषमा ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) घर में बैठे रहने से नहीं आता है। उन्होंने कहा कि आज जब भारत बोलता है, तो दुनिया सुनती है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के मई 2014 में सत्ता में आने के बाद से एफडीआई बढ़ा है। पिछले दो साल में 55 अरब डॉलर या 3,69,000 करोड़ रुपये का एफडीआई आया। यह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन कार्यकाल की तुलना में 43 फीसदी अधिक है।
सुषमा ने कहा कि विदेश यात्राओं के कारण स्मार्ट शहर जैसी परियोजनाओं में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देशों से सहायता मिली है। उन्होंने बताया कि अकेले आस्ट्रेलिया से हमने कौशल विकास पर 13 समझौते किए।उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना पर भी जर्मनी और जापान से सहयोग मिला है।