इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिये किसी चेहरे को आगे बढ़ाने को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच भाजपा ने आज साफ किया कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में कोई भी फैसला पार्टी के संसदीय बोर्ड में ही किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के उद्घाटन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए किसी चेहरे की घोषणा की जाए या नहीं, किसे पेश किया जाए और ऐसा कब किया जाए, इस बारे में फैसला आने वाले समय में किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले पार्टी के संसदीय बोर्ड में लिए जाते हैं न कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में। प्रसाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। सिंह पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली के हैं और लोकसभा में लखनउ का प्रतिनिधित्व करते हैं।
ऐसी अटकलें जोरों पर थीं कि पार्टी हाल ही में असम में मिली कामयाबी की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई उम्मीदवार घोषित कर सकती है। असम में पार्टी ने सर्बानंद सोनोवाल को पेश किया था। सिंह के अलावा मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और युवा सांसद वरुण गांधी के नामों पर अटकलें लग रही थीं।
प्रसाद ने राजनाथ सिंह को पार्टी द्वारा ‘बलि का बकरा’ बनाये जाने संबन्धी बातों पर असप्रन्नता जतायी। पार्टी के लिए देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले इस प्रदेश में अपने को फिर से मजबूत बनाने की कठिन चुनौती है। भाजपा 1990 के दशक में काफी समय तक सत्ता में थी।
प्रसाद ने कहा कि यह कहना उचित नहीं होगा कि किसी को बलि का बकरा बनाया जा रहा है, हमारा लक्ष्य उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने का है। उन्होंने कहा कि कौन चेहरा होगा, कब उसका नाम लिया जाएगा, ये सब फैसले संसदीय बोर्ड द्वारा लिए जाएंगे।