momincart.com के नाम से इस्लामी पुस्तकों की एक वेबसाइट का उद्घाटन किया गया. इन्टरनेट की दुनिया में यह पहली बार हुआ है कि जहाँ 1500 लेखकों की लगभग 9000 पुस्तकें ऑन लाइन उपलब्ध हैं. यक़ीनन पाठकों के लिए यह एक अच्छी ख़बर है. टेक्नॉलजी के इस दौर में एक बटन दबाते ही पुस्तकें उपलब्ध करने का यह साहसिक क़दम वास्तव में सराहनीय है। इसके लिए वासिक़ नदीम साहिब बधाई के पात्र हैं.
एक प्रश्न का उत्तर देते हुए वासिक़ नदीम साहिब ने कहा कि “इस वेबसाइट के द्वारा हमारा उद्देश्य यह है कि हर व्यक्ति के हाथों तक पुस्तकें पहुँचाई जा सकें, क्योंकि आज के दौर में लोगों के पास इतना समय नहीं है कि वे बाज़ार जाकर किताबें तलाश करके ख़रीद सकें. आज इस इन्टरनेट टेक्नोलॉजी के द्वारा लोग ऑनलाइन चीज़ें ख़रीद कर अपना क़ीमती समय बचा लेते हैं. इस पहलू से हमने इन्टरनेट की दुनिया में इस्लामिक पुस्तकें उपलब्ध कराने का प्रयास किया है. इस वेबसाइट पर पुस्तक प्रेमियों के लिए बहुत ही कम क़ीमत पर पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं.” उन्होंने बताया कि इस वेबसाइट से पैसा कमाना हमारा उद्देश्य नहीं है.
उदघाटन के अवसर पर बहुत-सी जानी-मानी हस्तियाँ और लेखक मौजूद थे. जमाते-इस्लामी हिन्द के जनरल सेक्रेटरी जनाब इंजीनियर सलीम साहब ने वेबसाइट का उदघाटन किया. आल इंडिया मुस्लिम मजलिसे-मुशावरत के अध्यक्ष जनाब नवेद हामिद साहिब मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे, जिन्होंने वेबसाइट के इस काम की न केवल प्रशंसा की बल्कि बहुत से मशवरे भी दिए.
अपने अध्यक्षीय भाषण में इंजीनियर सलीम साहिब ने कहा कि आज की दुनिया में हम इन्टरनेट के बग़ैर कुछ नहीं कर सकते थे. एक ज़माना था जब लोग किताबें ख़रीदने के लिए बाज़ार जाया करते थे, आज बाज़ार लोगों के घर के दरवाज़े तक चला आया है. यह नया ज़माना है और इसमें लोगों को नए तरीक़ों को इस्तेमाल करना चाहिए.