नई दिल्ली। आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी उम्मीद के मुताबिक ही रही है। आरबीआई ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इस तरह, रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार है, जबकि रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी पर बना रहेगा। रिवर्स रेपो पर ही बैंक अपना पैसा आरबीआई के पास रखते हैं। साथ ही, आरबीआई ने सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है और ये 4 फीसदी पर कायम है। एमएसएफ यानि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर भी 7 फीसदी पर बरकरार है। जाहिर है ब्याज दर न घटने से ईएमआई भी नहीं घटेगी। आरबीआई की अगली क्रेडिट पॉलिसी 9 अगस्त 2016 को आएगी।
आरबीआई के मुताबिक महंगाई में बढ़ोतरी अनुमान से अधिक होने की वजह से दरों में कटौती नहीं की गई है। सब्जियों, फल, चीनी, मांस और मछली के दाम अनुमान से ज्यादा बढ़े हैं, जबकि दालें महंगी बनी हुई हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल और मेटल के दाम भी बढ़े हैं। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने मुद्रास्फीति बढ़ने के जोखिम के बारे में बताते हुए अपनी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
राजन ने समीक्षा में कहा है कि मुद्रास्फीति के अप्रैल के आंकड़े अप्रत्याशित (रूप से उंचे) रहने से मुद्रास्फीति की भावी दिशा कुछ और अधिक अनिश्चत हो गयी है ..। उन्होंने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन को इस मामले में ‘ बड़ा जोखिम ’ बताया है। राजन ने ब्याज कम न करने के औचित्य के बारे में कहा कि अप्रैल की मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद आये आंकड़ों में मुद्रस्फीतिक का दबाव उम्मीद से अधिक तेजी से बढ़ा है। ऐसा कई खाद्य उत्पादों और जिंसों के मूल्यों के बढने से प्रेरित हुआ है जिसका मौसमी उतार चढाव से संबंध नहीं है।
राजन ने कहा कि हम डालर, रुपया दोनों की तरलता पर नजर रखेंगे और उसी के अनुरूप कदम उठाएंगे। साथ ही कहा कि बैंकों के लेखे-जोखे को साफ सुथरा बनाने का काम जारी रहेगा, नरमी बरतने के पुराने दिनों की टरकाउ नीति अब नहीं चलेगी। राजन ने कहा कि लाइसेंस प्राप्त कुछ आवेदकों द्वारा भुगतान बैंक शुरू नहीं करने के फैसलों से रिजर्व बैंक विचलित नहीं।
इस दौरान अपने कार्यकाल पर भी राजन ने चुटकी ली। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बारे में मेरी ओर से कुछ भी कहना बहुत क्रूर होगा क्योंकि इससे वह मजा किरकिरा हो जाएगा जो कि मीडिया इन दिनों ले रहा है। साथ ही राजन ने कहा कि सरकार, मौजूदा पदाधिकारी रिजर्व बैंक गवर्नर के कार्यकाल विस्तार पर फैसला लेते हैं। बता दें कि राजन का कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है।