यस बैंक ने वर्ष 2017 तक भारत की सकल घरेलू उत्पाद दर (जीडीपी) 8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है, इसके पीछे बैंक का तर्क है कि सीमेंट, तेल, बिजली की उपभोग दर में तेजी रहने के साथ ही जैसे कि हमारी कॉरपोरेट आय वित्तीय वर्ष 2016 की चौथी तिमाही में पूर्वानुमान से मजबूत थी उसके विकास से समर्थित आर्थिक बदलाव विशद रूप से आने की संभावना है।
वित्तीय वर्ष 2017 में हम इस प्रकार की आशा करते हैं कि हमारे पूर्व की 7.8 प्रतिशत वर्ष दर वर्ष जीडीपी अधिक रहेगी हमारा मानना है कि वित्तीय वर्ष 2017 में हमारी जीडीपी 8.1 प्रतिशत वर्ष दर वर्ष के आधार पर रहने का अनुमान है क्यों कि अधिशेष मॉनसून से कुल उपज का (एक अनुकूल स्थानिक मानते हुए और अन्तर अस्थाई वितरण) कृषि उत्पादन को समर्थन मिलेगा और ग्रामीण मांग बड़ी हद तक रहने का अनुमान है खपत को प्रोत्साहन मिलेगा जो आगे चल कर सरकारी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के कारण और बढ़ सकती है। नवेश में प्रत्यक्ष वापसी की प्रवृति वर्ष के अन्त तक दृष्टिगत होगी।
अरुण श्रीवास्तव द्वारा(मूल अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स…
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