लखनऊ। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध घोषित किया है। न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की बेंच ने अपने ऐतिहासिक फैसले में आदेश दिया कि भविष्य में यदि कोई डॉक्टर हड़ताल पर जाता है और इस कारण कोई मरीज मरता है तो उसके खिलाफ हत्या का मुक़दमा चलाया जाये। अदालत ने अपने आदेश में कहा की डिस्ट्रिक्ट जज की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाए और मृतक परिजनों को 25 लाख रुपये तक की सहायता राशि सरकार से उपलब्ध करवाए।
गौरतलब है की किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण 26 बेकसूर मरीजों की जानें जा चुकी हैं। मरीजों की ताबड़तोड़ मौत के बाद जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार को हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया। उत्तर प्रदेश परास्नातक चिकित्सा प्रवेश परीक्षा (यूपीपीजीएमईई) 2016 में विवाद की वजह से केजीएमयू के जूनियर डॉक्टर नाराज थे ।
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