लखनऊ: किंग जार्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय (केजीएमयू) में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ने 10 और मरीजों की जान ले ली। चार दिन के भीतर समुचित इलाज नहीं मिलने से 26 बेकसूर मरीजों की जानें जा चुकी हैं। मरीजों की ताबड़तोड़ मौत के बाद जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार को हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया।
उत्‍तर प्रदेश परास्‍नातक चिकित्‍सा प्रवेश परीक्षा (यूपीपीजीएमईई) 2016 में विवाद की वजह से केजीएमयू के जूनियर डॉक्टर नाराज हैं। बीते चार दिनों से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। गुरुवार को भी ट्रॉमा सेंटर में शाम पांच बजे तक मरीजों की भर्ती नहीं हुई। करीब 78 घंटे की हड़ताल की वजह से ट्रॉमा सेंटर के 80 फीसद से ज्यादा बेड खाली हो गए। जनरल सर्जरी, सांस, हड्डी और इमरजेंसी सर्जरी के 95 फीसद बेड खाली हो गए। दर्जनों मरीज छुट्टी लेकर चले गए। भर्ती मरीज अव्यवस्था से बेहाल रहे। इन्हीं स्थितियों के बीच शासन के अफसरों के साथ हुई बातचीत के बाद जूनियर डॉक्‍टरों ने हड़ताल खत्‍म करने का ऐलान किया।