नई दिल्ली: सरकार ने इतालवी कंपनी फिनमेकानिका को मिले सभी मौजूदा रक्षा उपकरण टेंडर रद्द करने का फैसला किया है। इसका मकसद कंपनी को काली सूची में डालना है। बता दें कि वीवीआईपी अगुस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में घूस देने के आरोप में कंपनी के खिलाफ जांच चल रही है।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को एक साक्षात्कार में कहा, फिनमेकानिका और इसकी अनुषंगियों को काली सूची में डालने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। इससे संबंधित पत्र विधि मंत्रालय को भेजा गया है। जहां भी फिनमेकानिका तथा इसकी अनुषंगियों से संबंधित किसी तरह की पूंजीगत खरीद होगी वहां प्रस्ताव के आग्रह (आरएफपी) रद्द किए जाएंगे।
पर्रिकर ने स्पष्ट किया कि पहले ही कंपनी से खरीदे जा चुके रक्षा उपकरणों के कलपुर्जों का आयात व सालाना रखरखाव का अनुबंध बना रहेगा। केवल नए पूंजीगत सामान के अधिग्रहण की निविदाएं समाप्त की जाएंगी। उन्होंने कहा, राजस्व अधिग्रहण में जहां अनुबंध पहले ही कार्यान्वित किए जा रहे हैं, वहां सालाना रखरखाव व कलपुर्जों के आयात की अनुमति दी जाएगी। लेकिन यह सब संबद्ध प्राधिकार से उचित प्रमाणन के बाद ही होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संबंधित प्लेटफार्म या उपकरण परिचालन में रहे।
पर्रिकर ने जोर देकर कहा कि किसी कंपनी ने कुछ गलत किया है, केवल इसी आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा,मैं अपने छह पोत को केवल इसलिए परिचालन से नहीं हटा सकता कि एक कलपुर्जा फिनमेकानिका की किसी कंपनी से आयातित किया जाना है।
सरकार ने स्कोर्पिन पनडुब्बियों के लिए भारी टोरपीडो के आरपीएफ को पहले ही वापस ले लिया है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में यह आरपीएफ फिनमैकैनिका की एक अनुषंगी डब्ल्यूएएसएस ने जीता था। सरकार अब अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है।