जो कभी कश्मीर में नहीं रहा, वह कश्मीरी पंडितों के विस्थापन की बात कर रहा है

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल पूरे होने के साथ मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर अनुपम खेर पर निशाना साधा और कहा, ‘वह शख्स जो कभी कश्मीर में नहीं रहा, वह कश्मीरी पंडितों के विस्थापन की बात कर रहा है। अचानक से वह एक विस्थापित व्यक्ति बन गए और पंडितों के लिए लड़ाई शुरू की।’
अनुपम खेर ने नसीरुद्दीन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मुझे नही लगता कि उन्होंने ऐसा स्टेटमेंट दिया होगा। पर अगर दिया है तो मुझे बहुत दुख है। यह बहुत इंसेंसिटिव स्टेटमेंट है और बहुत ही बेवकुफाना अजीबोगरीब बयान हैं। मुझे लगता है कि या तो उनसे ये दिलवाया गया है और अगर उन्होंने खुद दिया है तो बहुत ही शर्मनाक है और अफसोसजनक बात है।'
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या एक NRI को देश के बारे में सोचने का हक नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे वहां रहने से क्या मेरे घरवाले जो वहां रहते हैं उनके बारे में बात नहीं कर सकता। क्या मुंबई दिल्ली और अलीगढ़ में रहकर गुजरात के मुसलमानों के बारे में बात नहीं की गई है। मीडिया में खबरें सामने आने के बाद नसीरुद्दीन ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने इसे मिस रिपोर्टिंग करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें जो कहना था वो कह चुके हैं। अब उन्हें कुछ नहीं कहना।
नसीरुद्दीन ने राज्यसभा में गीतकार जावेद अख्तर द्वारा दिए गए बयानों का समर्थन किया जिनमें गीतकार ने कहा था कि किसी को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी दूसरे के देशप्रेम पर सवाल उठाए।
अभिनेता ने कहा, ‘मैं निराश हूं कि इस तरह के बयान (एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी की तरफ इशारा करते हुए) दिए गए और तब उनकी निंदा तक नहीं की गई। जैसा जावेद साहब ने कहा, ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ कहना उनका अधिकार है। मैं ऐसा अपनी मर्जी से कहूंगा न कि किसी के कहने पर। मैं उनका समर्थन करता हूं। किसी को मेरे देश प्रेम पर सवाल करने का अधिकार नहीं है। ओवैसी ने कहा था कि वह ‘भारत माता की जय’ का नारा नहीं लगाएंगे क्योंकि संविधान उनसे ऐसा करने को नहीं कहता।