मुख्यमंत्री ने खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की विकास योजनाओं का शुभारम्भ किया

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि खादी वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए उन्हें आधुनिक बाजार और फैशन की जरूरतों के अनुरूप उन्नत बनाने की आवश्यकता है। वर्तमान समय के हिसाब से ही इनकी ब्राण्डिंग और मार्केटिंग की भी जरूरत है। इसके लिए आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ संस्थान की सहायता भी ली जानी चाहिए। खादी को प्रचार की भी जरूरत है। प्रचार नहीं होगा तो खादी पीछे रह जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खादी वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव मदद करेगी।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग पर खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की विभिन्न लोककल्याणकारी एवं विकास योजनाओं के शुभारम्भ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा खादी वस्त्रों को प्रोत्साहन देने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से खादी की लोकप्रियता बढ़ेगी। इससे ग्रामीण क्षेत्र के कत्तिनों तथा बुनकरों को सीधे लाभ मिलेगा व रोजगार की बेहतर सम्भावनाएं विकसित होंगी। उन्होंने कहा कि खादी की चर्चा से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और खादी से उनका जुड़ाव याद आता है। आज भी तमाम लोगों को खादी से बहुत प्यार है। गांधी आश्रम जाकर खादी के प्रति लोगों के लगाव को देखा जा सकता है।
श्री यादव ने कहा कि खादी वस्तुओं से बड़े पैमाने पर गरीबों को रोजगार मिलता है और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। इसलिए इसे बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि खादी को बढ़ावा देने की शुरूआत हमारे बीच से ही होनी चाहिए। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि खादी आगे बढ़े, बदलते दौर में खादी को समुचित स्थान मिले तथा लोगों में इसके प्रति आकर्षण पैदा हो। खादी को लोकप्रिय बनाने के लिए राष्ट्रीय फैशन तकनीकी संस्थान (निफ्ट), रायबरेली द्वारा किए जा रहे सहयोग की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि परिस्थितियों के अनुसार बदलाव की जरूरत होती है। खादी के कपड़े, धागे, रंग आदि में बदलाव की आवश्यकता को इस व्यवसाय से जुड़े लोग तथा निफ्ट के विद्यार्थी बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निफ्ट जैसे और संस्थान खुलने चाहिए। राज्य सरकार इसके लिए जमीन उपलब्ध कराने को तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने खादी को बढ़ावा देने हेतु पूरी मदद की है। खादी संस्थाओं के बकाया भुगतान के साथ ही खादी वस्त्रों पर छूट को बढ़ाया गया है। इसके लिए बजट में व्यवस्था की गई है। आज बुन्देलखण्ड क्षेत्र की 75 महिलाओं को आधुनिक तकनीकी के चर्खे निःशुल्क मुहैया कराए गए हैं। इनमें से 25 महिलाएं बांदा जनपद की तथा 50 महिलाएं झांसी जनपद की हैं। उन्होंने खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग को गरीबों को चर्खे मुहैया कराने की तैयारी के निर्देश देते हुए कहा कि समाजवादी सरकार ने निःशुल्क लैपटॉप वितरण तथा कन्या विद्याधन जैसी योजनाओं को लागू किया है। इससे विद्यार्थियों को पढ़ाई में मदद हुई है। समाजवादी सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए यदि निःशुल्क चर्खे मुहैया कराने पड़े तो भी कराएगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी ने कहा कि आधुनिक ढंग से खादी निर्माण से खादी वस्त्रों की गुणवत्ता बढ़ेगी तथा अन्य प्रकार के वस्त्रों के मुकाबले में आ जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग की मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के माध्यम से सरकार के गठन से लेकर अब तक कुल 10,737 इकाइयों द्वारा 535 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश कराते हुए कुल 2,17,078 लोगों को अब तक रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। खादी वस्त्र मे रिबेट दिए जाने के प्राविधान में प्रत्येक वर्ष में 60 दिनों की व्यवस्था थी, जिसका वर्तमान सरकार द्वारा बढ़ाकर 108 दिन करते हुए खादी की बिक्री को प्रोत्साहित किया गया। खादी रिबेट के विगत 12 वर्षों की देयता के रूप में 70.40 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। वर्तमान सरकार द्वारा खादी बिक्री पर कुल 146.45 करोड़ रुपए का भुगतान कराते हुए 06 लाख 56 हजार कत्तिनों एवं बुनकरों को सीधे लाभ पहुंचाया गया है। इसके अलावा खादी तथा ग्रामोद्योग के प्रदेश स्थित 10 प्रशिक्षण केन्द्रों में कौशल सुधार एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण कराते हुए 24,036 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है। इस मौके पर सुई-धागा ब्राण्ड की सुश्री श्वेता शर्मा ने भी खादी को प्रोत्साहन के उपायों पर अपने विचार रखे।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय फैशन तकनीकी संस्थान (निफ्ट), रायबरेली के विद्यार्थियों द्वारा डिजाइन किए गए खादी वस्त्रों की लघु प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में वितरित किए जाने वाले आधुनिक चर्खे के बारे में जानकारी प्राप्त भी की।