मजलिसए ओलमाये हिन्द द्वारा आयोजित “अकीदाए मेहदवियत की एहमियत“ पर लेकचर का आयोजन

लखनऊ: मजलिसए ओलमाये हिन्द द्वारा आयोजित हो रहे साप्ताहिक दीनी समर कलासेज़ में आज मौलाना सैयद सईदउल हसन ने “अकीदाए मेहदवियत के महत्व और इमाम महदी सभी के लिए“ के विषय पर युवाओं को संबोधित किया । मौलाना ने अपने संबोधन में कहा कि हर धर्म में एक उद्धारकर्ता की कल्पना पायी जाती है ,हाँ यह जरूर है कि उद्धारकर्ता के नाम अलग हैं मगर अत्याचार से मुक्ति की कल्पना समान है। प्रत्येक धर्म में मौजूद है कि जब दुनिया जुल्म व अत्याचार से भर जायेगी तब अल्लाह की और से एक उद्धारकर्ता आएगा जो दुनिया में न्याय की सरकार स्थापित करेगा। मौलाना ने अपने बयान की व्याख्या करते हुए कहा कि अत्याचार की इन्तेहा का एक नमूना यह है कि आज आजादी के नाम पर मानव अधिकार छीन लिए जाते हैं,इन्साफ के नाम पर नाइन्साफियॉं की जाती है,यही कारण है कि हर इंसान मौजूदा प्रणाली से खतरा महसूस करता है। आज मानव विकास इस पैमाने पर पहुँच गया है कि विकास के परिणाम में केवल एक व्यक्ति को खतरा नहीं है बल्कि पूरी मानवता और सारी सृष्टि को विनाश का खतरा है। यह विनाश के सूत्रों खुद इंसान ने ईजाद किए हैं और इंसान ही भयभीत है। कुरआन ने इस सिद्धांत की वर्णन इस प्रकार है कि जमीन और समुद्र में तबाही फैल गई और यह मनुष्य के बुरी प्रयासों का परिणाम है।
मौलाना ने कहा कि इस आपदा की पृष्ठभूमि यह है कि जब हम खुदा के कानून और व्यवस्था की तुलना में अपना कानून और व्यवस्था बनायी तो विनाश और टकराव की समस्या पैदा होगयी।मैलाना ने अधिक स्पष्ट करते हुए कहा कि दुनिया में जो लोग विनाश फेलाते हैं उनके दो हथियारों होते हैं एक डर और दूसरा लालच। दुनिया को गुलाम बनाने के भी यही दो तरीके हैं। जो आदमी डर जाता है वह उसी के पास शरण लेता जो उसे डराता हे यह आज की त्रासदी है। इसी लिए दीन का फार्मूला है कि तुम उस समय मोक्ष प्राप्त करोगे जब अपने मन से डर निकाल दोगे और लालच से दूर हो जाओगे। आज पूरी दुनिया विनाश के कगार पर डर और लालच के आधार पर पहुंची है।
मौलाना ने कहा कि इमामए ज़माना अ0सव का तसव्वुर हर धर्म में पाया जाता है। इस उद्धारकर्ता की कल्पना एक है उसके नाम अलग हो सकते हैं, लेकिन इमाम मेंहदी अ0स0 का तसव्वुर हर धर्म में एक है । क्योंकि हर धर्म अल्लाह को माना जाता है तो वह इस तथ्य को भी मानते है कि अल्लाह की तरफ से एक ऐसा रक्षक आएगा जो दुनिया से ज़ुल्म व अत्यचार को खत्म करके न्याय की सरकार स्थापित करेगा। जिस तरह हर धर्म में अल्लाह के नाम अलग हैं इसी तरह इमाम मेंहदी के नाम भी अलग हैं। मौलाना ने अपने बयान के आखिर में कहा कि आज दुनिया में जो वर्ल्ड टरेड आरगनाइजेशन का नारा बुलंद किया जारहा है कि हम पूरी दुनिया को एक कानून के तहत चलाएंगे ये दरअसल इस्लामी नारा है। दुनिया से ज़ुल्म व अत्यचार के अंत के बाद जब न्याय की सरकार स्थापित होगी तो वह एक कानून पर आधारित होगी और यह कानून कुरआन का कानून होगा। इसी सिद्धांत के आधार पर आज दुनिया अपनी भलाई और बचाव कानून खोज रही है।