बरसात का मौसम अपने साथ कई सारी चुनौतियाँ लाता है. जैसे, पानी का जमाव, नमी, मच्छर, विशेष रूप से अशुद्ध नाले और चालों (मलिन बस्तियों) में. अगरबत्ती पूजा से संबंधित आइटम या खुशबूदार प्रयोजनों के लिए एक कम लागत वाला रूम फ्रेशनर अब देश में चर्चा और बहस का विषय बन गया है.
एक संसदीय चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद श्री हुसैन दलवई ने अप्रैल 2015 में यह मुद्दा उठाया और तब जनता के बीच यह जानकारी सार्वजनिक हुई कि अगरबत्ती के स्टीक चीन से आयात किए जा रहे हैं जिसमें पहले से ही हानिकारक रसायन मिल हुए है और भारत में इसकी पैकिंग की जा रही है. ये अगरबत्ती विभिन्न ब्रांड नाम के तहत आते हैं, मच्छरों को दूर भगाने और प्राकृतिक होने का दावा करते है. ये अगरबत्ती कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, असम, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल समेत देश के सभी भागों में सडक किनारे के पान बीड़ी या चाय की दुकानों पर उपलब्ध है और उपभोक्ताओं इसके हानिकारक प्रभाव से बेखबर है.
हाल ही में बालाजी इंसेंट स्टीक, बेंगलुरू ने एक नया उत्पाद लांच किया है जिसका नाम बालाजी रिलैक्स सिटृओनेला इंसेंस स्टीक है. इसी के जैसे अन्य असंगठित/फ्रिंज कंपनियोँ ने स्लीप्वेल, किंग, किलर, तापसी और रीलिफ जैसे ब्रांड लाए है और ये दावा करते है कि इसमें सिट्रोनेला (लेमन ग्रास) है जो मच्छरों को दूर रखता है. कुछ उत्पाद अपने पैकेजिंग पर हरी घास और या प्राकृतिक पौधों का चित्र भी देते है.
बंबई टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन द्वारा कुछ उत्पादों जैसे बालाजी रिलैक्स सिट्रोनेला इंसेंस स्टीक और अशिका स्लीपवेल सिट्रोनेला इंसेंस स्टीक के प्रयोगशाला परीक्षण से पता चला है कि अगरबत्ती में सिट्रोनेला है ही नही. इसकी जगह इसमें गैर-पंजीकृत विषाक्त कीटनाशक फेनुबुकार्ड है. यह एक जहरीला कीटनाशक है.
इस स्थिति पर टिप्पणी करते हुए एच आई सी ए के सचिव ने कहा कि एच आई सी ए की प्रमुख जिम्मेदारियों में से एक जिम्मेदारी यह है कि घरेलू कीटनाशक के संदर्भ में स्वास्थ्य और सुरक्षा के बारे में उपभोक्ताओं को शिक्षित करना. हमारे सदस्यों ने हाल ही में हमारे ध्यान में लाया है कि कई ब्रांड लोगोँ को गुमराह कर अगरबत्ती बना और बेच रहे है, जैसे बालाजी रिलैक्स, किलर और रीलिफ आदि. हमने इन उत्पादों का प्रयोगशाला परीक्षण किया है और परिणाम निकला है कि उनमें सिट्रोनेला का नामोनिशान (कीट से बचाने वाली एक प्राकृतिक क्रीम) तक नही है. हमने पाया है कि इसमें फेनोबुकार्ड नामक एक गैर-पंजीकृत कीटनाशक हैं. यह केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड से बिना लाइसेंस लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.