नई दिल्ली: उत्तराखंड में दलबदल कानून के तहत विधानसभा से अयोग्य घोषित किए गए पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा सहित कांग्रेस के नौ बागी विधायक बुधवार को ‘बिना शर्त’ भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने विधानसभा भंग करके नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की।
बहुगुणा और आठ अन्य विधायकों ने भाजपा के वरिष्ठ नेतृत्व से मुलाकात की जिसके बाद यह बहुप्रतीक्षित कदम उठाया गया। उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा, ‘उत्तराखंड में हरीश रावत के खिलाफ विद्रोह करने वाले सभी नौ कांग्रेसी विधायक आज बिना शर्त भाजपा में शामिल हो गए।’ उन्होंने कहा कि शक्ति परीक्षण के दौरान रावत के खिलाफ वोट डालने वाली कांग्रेस की बागी विधायक रेखा आर्य को भी आज भाजपा में शामिल होना था लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकीं क्योंकि वह महाकुंभ में शामिल होने उज्जैन गई हैं।
बहुगुणा ने स्पष्ट किया कि भाजपा में उनका प्रवेश किसी निजी लाभ के लिए नहीं बल्कि राज्य के हित में है। उन्होंने कहा कि वे राज्य के हितों के संरक्षण के लिए आगे भी लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि राज्य विधानसभा भंग हो और तुरंत नए चुनाव कराने का आदेश दिया जाए क्योंकि हरीश रावत सरकार सत्ता में रहने का अधिकार खो चुकी है और लोगों में भरोसा गंवा चुकी है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए बहुगुणा ने कहा, ‘वह बेहतरीन नेता हैं और उनकी सुशासन एवं विकास के प्रति कठोर प्रतिबद्धता है। हमें उनके नेतृत्व में भरोसा है और हम पिछले दो वर्ष में उनके काम एवं नीतियों से प्रभावित हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की और भ्रष्ट कांग्रेस सरकार को अपदस्थ करने तथा उत्तराखंड में राजनीतिक प्रदूषण खत्म करने के संघर्ष में हमें शामिल होने देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।’
भाजपा में शामिल होने वालों में रावत सरकार में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत भी शामिल हैं जो बीस साल के बाद फिर से पार्टी से जुड़े। बहुगुणा और रावत के अलावा भाजपा में शामिल होने वालों में अमृत रावत, शैलेंद्र मोहन, कुंवर प्रणव सिंह, सुबोध उनियाल, प्रदीप बत्रा, शैला रानी रावत और उमेश शर्मा शामिल हैं।