कोसी और सीमांचल के जिलों में तूफान की तरह आए आंधी-बारिश और आकाशी बिजली (ठनका) ने फिर कहर बरपाया है। मंगलवार की रात आंधी के साथ तेज बारिश व आकाशीय बिजली ने सात लोगों को जान ले ली। बड़ी संख्या में फूस के घरों के छप्पर उड़ गए और मक्का समेत आम और लीची की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
सुपौल जिला मुख्यालय सहित बसंतपुर, राघोपुर, प्रतापगंज, छातापुर प्रखंडों में सड़कों पर पेड़ गिरने से आवगमन बाधित हो गया। कई जगहों पर बिजली के पोल और तार गिर गए। इस कारण बिजली भी बाधित हो गयी। सहरसा के सत्तर कटैया में फूस के तीन घर गिरने की सूचना है। मधेपुरा के पुरैनी बाजार में व्यवसायी सुरेश भगत (65) के घर की छत उड़ गयी। एक चदरा सुरेश भगत के सिर पर गिर गया, जिससे उनका सिर फट गया और मौत हो गई।
अररिया के ग्रामीण क्षेत्र में सैकड़ों कच्चे घरों के छप्पर उड़ गए। हजारों एकड़ खेतों में लगी फसलें बर्बाद हो गईं। दहशत से पलासी प्रखंड स्थित पचैली गांव के 55 वर्षीय दाउद की मौत हो गई। वहीं किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ के खानियाबाद पंचायत अंतर्गत लालपानी गांव में तेज आंधी के कारण एक महिला हुस्न आरा (22) की मौत हो गई। तेज आंधी के कारण हुस्न आरा की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई। तूफान के बाद जिले में 20 घंटे से बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप है।
पूर्णिया जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में तीन लोगों की मौत हो गई। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रजीगंज दरगाह के समीप आंधी में पेड़ गिरने से 58 वर्षीय मुनीलाल शर्मा की मौत हो गई। बायसी के चन्द्रगामा पंचायत में दीवार ढहने से हरिमोहन राय की मौत हो गई। इधर, बनभाग के समीप बुधवार की सुबह आकाशीय बिजली से कृष्णापुरी मुहल्ले के 60 वर्षीय जाटो यादव की मौत हो गई। लीची और आम की भी व्यापक क्षति हुई है।
कटिहार के बारसोई प्रखंड के हरनाही गांव में 25 वर्षीय युवक की बुधवार की सुबह आकाशीय बिजली से मौत हो गई। बताया जाता है कि युवक अपने खेत में जमे पानी को निकालने के लिए आड़ काट रहा था।