नई दिल्ली : पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर केवल कंपनियों तथा आयकरदाताओं को खुश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का पहला पूर्ण बजट राजकोषीय परीक्षण, समानता और बढ़ती असमानता की कसौटी पर विफल रहा है।

चिदंबरम ने एक बयान में कहा, ‘अगर कोई पूछता है कि बजट से कौन खुश है, मुझे शक है कि इनमें केवल कंपनी और आयकरदाता (3.5 करोड़) ही होंगे। इसमें उन बाकी बड़े तबकों, खासकर गरीबों के लिये क्या बचा है जो राहत की ओर सरकार की तरफ नजर टिकाये रहते हैं?’

पूर्व संप्रग सरकार एवं संयुक्त मोर्चा सरकार में वित्त मंत्री रहे चिदंबरम ने कहा, ‘आयकरदाताओं को कुछ राहत मिल सकती है, अन्य सभी पर उत्पाद शुल्क और सेवा कर का बोझ पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि तीन प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को एक साल आगे खिसकाने का कोई औचित्य नहीं है।

चिदंबरम ने कहा, ‘इसीलिए राजकोषीय परीक्षण पर वित्त मंत्री अरूण जेटली विफल रहे हैं।’ जेटली ने 2015-16 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.9 प्रतिशत रखने तथा 2017-18 तक इसे 3 प्रतिशत लाने का लक्ष्य रखा जबकि पहले इसे 2016-17 तक पूरा करने का लक्ष्य था।