उत्तर प्रदेश में तम्बाकू नियंत्रण पर सिविल सोसाइटी अभिविन्यास कार्यशाला

लखनऊ।  क्षेत्र की स्वयंसेवी संस्थाओं व समाजसेवियों ने एक जुट होकर समाज में तम्बाकू के प्रयोग को रोकने हेतु कमर कसी है।  तम्बाकू से प्रति वर्ष सिर्फ भारत देश में ही 8-9 लाख लोग मैात के मुंह में समा रहे है। तम्बाकू युवाओं को अपनी जकड़ में लेकर अपना गुलाम बना रही है तथा देश, समाज को अपूर्णनीय क्षति पहुँचा रही है। जहाँ 90 प्रतिशत मुँह के कैंसर में तम्बाकू का उपयोग मुख्य कारण है, वहीं सेकेन्ड हैन्ड स्मोकिंग से तबाह होने वालों की तादात भी 6 लाख से ऊपर है। यह विचार उत्तर प्रदेश वाॅलण्टरी हेल्थ एसोसिएशन के अधिशासी निदेशक जे.पी. शर्मा द्वारा व्यक्त किये एवं अर्थिक बोझ से सम्बन्धित आंकड़े भी उपस्थिति प्रतिभागियों को उपलब्ध कराये गये। 

कार्यक्रम के अवसर पर स्टेट टोबैको कन्ट्रोल सेल से स्टेट कंसल्टेन्ट सतीश त्रिपाठी ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान रोकने हेतु सरकार द्वारा एक्ट लाया गया है जिसका सही तरह से अनुपालन कराने में स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने सी0ओ0टी0पी0ए0-2003 की मुख्य धाराओं को विस्तार से समझाया। तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम, यू0पी0वी0एच0ए0 के कार्यक्रम प्रबंधक श्री विवेक अवस्थी ने बताया कि राज्य तम्बाकू नियंत्रण सेल व जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के सहयोग व सिटी मजिस्ट्रेट लखनऊ के निर्देशन में अब तक कुल रू0 7130/-का सी0ओ0टी0पी0ए0-2003 की धारा-4, 6(ए) व 6(बी) के उल्लंघन की कार्यवाही करतें हुए जुर्माना वसूला गया है तथा ये कार्यवाही आगे भी चलती रहेगी। 

बैठक में चर्चा उपरान्त कार्यक्रम प्रबन्धक  विवेक अवस्थी द्वारा तम्बाकू के प्रसार को रोकने हेतु सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर 24 नवम्बर 2014 को गठित ‘‘तम्बाकू मुक्त दल’’ की बैठक में लिये गये निर्णय के  फालोअप व तम्बाकू नियंत्रण पर अब तक की प्रगति पर प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुतिकरण करते हुए विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।  इसके पश्चात् बैठक में उपस्थित सभी संस्था प्रमुखों द्वारा तम्बाकू नियंत्रण पर समय-समय पर बैठक करने तथा तम्बाकू नियंत्रण हेतु रणनीति तय करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने का सुझाव देते हुए अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये गये। 

कैन्सर एड्स सोसाइटी की वरिष्ठ निदेशक  प्रीती गुप्ता द्वारा बताया गया कि कैन्सर एड्स सोसाइटी द्वारा हेल्थ व जागरूकता कैम्प का आयोजन लगातार किया जा रहा है। 

पं0 जी.बी. पन्त इंस्टीट्यूट के प्रतिनिधि सुधीर सिंह द्वारा बैठक के दौरान बैठक में उपस्थित सभी प्रतिभातिगयों को कथनी अनुसार ही करनी भी पूर्ण करने का अनुरोध किया गया, ताकि युवाओ व आने वाली पीढी को इस महामारी से बचाने के साथ-साथ जो लोग आज इसकी गिरफत में हैं उनको बचाने की मुहिम में तेजी लायी जा सके।

कर्मावती पाल मेमोरियल सोसाइटी के सचिव अरूण पाल द्वारा कहा गया कि तम्बाकू नियंत्रण के क्षेत्र में कार्य कर संस्थाएं ग्राम पंचायतों के साथ मिलकर युवाओं को तम्बाकू की लत से बचाने व पंचायत को तम्बाकू मुक्त घोषित कराने हेतु ग्रामीण स्तर पर प्रोत्साहित करने का प्रयास करना चाहिए। 

एफ.पी.आई. की श्रीमती मिताश्री घोष द्वारा तम्बाकू नियंत्रण पर कार्य करने वाली संस्थाओं के साथ मिलकर प्रदेश स्तर पर तकनीकी सहयोग दल गठित किये जाने का सुझाव दिया गया। 

इस कार्यक्रम में निम्न संस्था प्रमुखों द्वारा सहभागिता की गयी। जे.पी. शर्मा, अधिशासी निदेशक, यू0पी0वी0एच0ए0, सतीश त्रिपाठी, राज्य तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ, लखनऊ, विवेक अवस्थी, कार्यक्रम प्रबन्धक यू0पी0वी0एच0ए0, नामिता यादव, कैंसर एड्स सोसोइटी की वरिष्ठ निदेशक प्रीती गुप्ता, अरूण पाल, सुधीर सिंह, अश्वनी रंजन, सुनीत गुप्ता, मिताश्री घोष, एस.के. पाण्डेय आदि लोगों ने अपनी सहभागिता कर अपने विचारों व सुझावों को व्यक्त किया। 

कार्यक्रम के अन्त में यू0पी0वी0एच0ए0 के अधिशासी निदेशक श्री जे.पी. शर्मा द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित साथियों को अपना अमुल्य समय व सुझाव देने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया गया।