नई दिल्ली। संशोधित भूमि अधिग्रहण बिल को लोकसभा में पेश करने के साथ ही इस पर सदन में जबरदस्त हंगामा मच गया। बिल के विरोध में कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इससे पहले राज्यसभा में भी ऐसे ही हालात नजर आए।
कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी, आरजेडी, जेडीयू और तृणमूल कांग्रेस ने भी सदन से वॉक आउट किया। खास बात ये है कि शिवसेना ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाए हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि ये विरोध राजनीतिक नहीं होना चाहिए। सभी पार्टियों को साथ आना चाहिए, बीजेपी नेताओं को भी आना चाहिए। स्वाभिमान पक्ष के सांसद राजू शेट्टी ने कहा कि हालांकि हमारी पार्टी एनडीए में शामिल है, बावजूद मैं इसका विरोध करता हूं।
वहीं सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कहा कि ये किसान विरोधी बिल है और इसका गंभीर दुष्परिणाम होगा। अगर जमीन ही नहीं होगी तो खाना कहां से मिलेगा। हमें ये ऑस्ट्रेलिया या अमेरिका से नहीं मिलने वाला। बंजर जमीन का अधिग्रहण करने में हर्ज नहीं है, लेकिन इस बिल के बाद उपजाऊ जमीन का ही अधिग्रहण होगा। जबकि टीएमसी सांसद सौगातो राय ने कहा कि ये किसान विरोध और गरीब विरोध बिल है और इससे कारपोरेट को ही मदद मिलेगी।
ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह लोकसभा में उचित मुआवजे का अधिकार और भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास संशोधन विधेयक 2015 पेश किया। विपक्षी दलों के रुख को देखते हुए सरकार के सामने बिल पास कराने की चुनौती है। ये विधेयक पिछले साल दिसंबर में सरकार की तरफ से जारी किए गए अध्यादेश की जगह लेगा। अध्यादेश के जरिए यूपीए सरकार के साल 2013 में पारित किए गए पहले के विधेयक में बदलाव किए गए थे। सरकार ने कहा कि वो इस मसले पर सदन में चर्चा के दौरान विपक्ष की सलाह पर विचार करेगी।
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