हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रहेंगे सरकारी बैंक

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्मचारी यूनियनों ने प्रबंधन के साथ 15 प्रतिशत वेतनवृद्धि की सहमति बनने के बाद चार दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान वापस ले लिया है। इससे बैंकों पर सालाना 4,725 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा।

प्रबंधन ने हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को बैंक कर्मियों को अवकाश देने की मांग भी मान ली। हालांकि, बैंकों में बाकी शनिवार को पूरे दिन काम होगा। अभी शनिवार को बैंकों में आधे दिन काम होता है।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के संयोजक एमवी मुरली ने कहा, आज की वार्ता में वेतन में 15 प्रतिशत वृद्धि पर सहमति बन गई है। बढ़ा हुआ वेतन नवंबर, 2012 से प्रभावी होगा। उन्होंने कहा, इलाज खर्च, अस्पताल में भर्ती होने की योजना और अन्य चीजों और सेवानिवृत्ति लागत (पीएफ, ग्रैच्युटी, पेंशन) आदि पर अलग से काम किया जा रहा है।

वेतनवृद्धि से 45 बैंकों में करीब 8.5 लाख कर्मचारी एवं अधिकारी लाभान्वित होंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हर पांच साल में वेतन में संशोधन किया जाता है और पिछली बार 2007 में इस पर सहमति बनी थी।

मुंबई में हुई एक बैठक में सार्वजनिक बैंकों की कर्मचारी यूनियनों और बैंक प्रबंधन, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) के बीच 15 प्रतिशत वेतनवृद्धि को लेकर सहमति बनी और एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया।