लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने प्रेस वार्ता में कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन करके नया अध्यादेश लागू करने से किसानों को उनकी जमीन से उनका अधिकार छीनने का षड़यंत्र रचा गया है। उन्होंने कहा कि यह अध्यादेश 1894 के अगे्रजों के जमाने के किसान विरोधी काले कानून को फिर से ताजा करने वाला है। 

चौहान ने कहा कि वर्तमान उ0प्र0 सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश मंे भ्रष्टाचार चरम पर है। व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण सूबे के भ्रष्ट अधिकारी तथा मंत्री मिलकर जनहित की योजनाओं में भ्रष्टाचार उत्पन्न कर रहे हैं और सूबे के मुख्यमंत्री मूक बाधिर बने हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं परन्तु आमजनमानस को अपने कार्यों हेतु दर दर भटकना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए मजबूत लोकायुक्त का गठन करना चाहिए और उसे राजनैतिक हस्तक्षेप से उठकर अधिकार प्राप्त होना चाहिए जिससे उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों को भ्रष्टाचार करने पर दण्डित किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि मजबूत लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए दोनों सदनों के नेता सदन, नेता विपक्ष, मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय तथा राजनैतिक दलों के विधान मण्डल दल के नेताओं की कमेटी बनाकर चयन पारदर्शी ढंग से होना चाहिए।

चौहान ने प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था पर चिंता जताते हुये कहा कि कहा कि सपा सरकार में अपराधी बेलगाम हो जाते हैं और प्रषासन पंगु क्योंकि उन्हें भरपूर राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होता है। पश्चिमी उ0प्र0 के मुजफ्फरनगर में ए0डी0जी0 कोर्ट में सरेआम गोलियां चलाने का दुस्साहस करना तथा अभी चंद दिनों पहले मुख्यमंत्री की नाक के नीचे राजधानी लखनऊ में एक युवती से की गयी दरिंदगी से साबित होता है कि प्रदेष में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि गौरी के परिजन पुलिस के खुलासे से संतुष्ट नहीं है इसलिए घटना की सी0बी0आई0 जांच होनी चाहिए। 

उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता का विकेन्द्रीकरण ईमानदारी से लागू करने के लिए त्रिस्तरीय पंचायत का निष्पक्ष चुनाव होना आवश्यक है इसलिए पंचायत चुनाव में परिसीमन तथा आरक्षण की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए और सम्पूर्ण परिसीमन जिसमें क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों का आरक्षण चुनाव होने से दो माह पूर्व ही घोषित हो जाना चाहिए।