नई दिल्ली : देश भर में स्‍वाइन फ्लू का कहर बढ़ता जा रहा है। इसके मद्देनजर अस्‍पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस साल स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 585 हो गई और देश भर में पिछले तीन दिन में (12 फरवरी से) 100 और मौतें रिपोर्ट हुई है। इस वजह से केंद्र को दवाइयों और जांच किट के अतिरिक्त भंडारण का आदेश देना पड़ा।

ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार 12 फरवरी तक स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 485 थी। आंकड़े बताते हैं कि 15 फरवरी तक एच1एन1 संक्रमण से 100 और लोगों की मौत हो गई। इस वजह से मरने वालों की संख्या 585 हो गई। इसके अलावा इस साल देश में 8,423 लोग स्वाइन फ्लू के संपर्क में आ चुके हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र इस बीमारी के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और इन राज्यों में मरने वालों की संख्या क्रमश: 165, 144, 76 और 58 है।

अकेले 15 फरवरी को राजस्थान में 12 मौतें रिपोर्ट हुईं जबकि मध्य प्रदेश और गुजरात में इस संक्रमण से आठ-आठ लोगों की मौत हुई। हालांकि दिल्ली और तमिलनाडु में स्वाइन फ्लू के मामलों में तेज कमी देखने को मिली और दोनों राज्यों में मरने वालों की संख्या भी अपेक्षाकृत कम है। इसकी वजह जागरूकता और स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं है। पंजाब में इस बीमारी से प्रभावित होने के बाद मौत होने का अनुपात उच्च है। इस राज्य में 68 लोगों को स्वाइन फ्लू हुआ था जिसमें से 25 की मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने बुरी तरह से प्रभावित राज्य जैसे राजस्थान और गुजरात में केंद्रीय टीमें भेजीं हैं और उचित दिशा निर्देश विकसित किए हैं। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि सरकार पहले ही जांच किट का भंडारण बढ़ाने का आदेश दे चुकी है जिनकी एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के तहत लैबों को आपूर्ति की जाएगी।

इस बीच, शिमला में हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने आज आश्वस्त किया कि राज्य स्वाइन फ्लू को फैलने से रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि 32 में से पांच स्वाइन फ्लू से पीड़ित पाए गए हैं और इलाज के बाद पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर स्वाइन फ्लू के मामलों की जांच करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं