नई दिल्ली: बिहार में जारी सियासी ड्रामे के बीच बिहार की जीतन राम मांझी सरकार को पटना हाईकोर्ट ने झटका देते हुए कहा है कि वह बहुमत साबित करने तक नीतिगत फैसले नहीं ले सकती।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगे, ऐसी उनकी मंशा नहीं है। रविवार को दिल्ली पहुंचे मांझी ने कहा कि वह यहां केंद्रीय मंत्रियों से मिलने आए हैं, बीजेपी नेताओं से नहीं। समर्थन का फैसला बीजेपी को लेना है।
मांझी ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाना होता तो काफी पहले हो जाता। आज तक हमारे विधायक घबरा रहे थे। हमारी ऐसी भावना नहीं है। 20 को हम सब विश्वास मत हासिल करेंगे।
इससे पहले रविवार को मांझी ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और बिहार के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से मुलाक़ात की थी। बाद में राज्यपाल ने पीएम मोदी से मुलाक़ात की थी।
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाने के दिन चले गए। केंद्र सरकार की हिम्मत नहीं है राष्ट्रपति शासन की।
बीजेपी नेता गिरीराज सिंह ने कहा कि फ्लोर पर बीजेपी निर्णय लेगी, जो स्थितियां परिस्थितियां लोकतंत्र व्यवस्था में होंगी, उसके हिसाब से हम निर्णय लेंगे। समर्थन का फैसला सदन में लेंगे।
वहीं कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने कहा कि बिहार में जो हो रहा है वह समस्या नहीं षडयंत्र है और उस षड्यंत्र की मुख्य सूत्रधार बीजेपी है। बीजेपी को याद रखना चाहिे कि जो लोग सरकार गिराते हैं, जनता उनको कभी माफ नहीं करती।
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