लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने लैकफेड घोटाले में आरोपी माया सरकार के मंत्रियों को अदालत से क्लीन चिट मिलने को अखिलेश सरकार की लचर पैरवी का नतीजा बताया। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि न्यायालय को भी विवचको की जांच रिपार्ट पर टिप्पणी करनी पड़ी। अखिलेश सरकार गठन के बाद से ही अपनी पूर्ववर्ती बसपा सरकार के शासनकाल में हुए घपले-घोटालों के आरोपियों को सेफ पैसेज देने में जुटी हैं। 

प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अखिलेश सरकार बसपा शासनकाल में हुए घोटालों का जिक्र तो करती है पर कार्यवाही पर चुप्पी साध लेती है। उन्होेेंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से सवाल किया कि विधानसभा चुनाव के समय सपा के घोषणा पत्र में बसपा शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार की जांच एक निश्चित समय सीमा के अन्दर पूरी कराने के लिए आयोग के गठन के वायदे का क्या हुआ ? वास्तव में राज्य में सत्तारूढ़ होने के साथ ही अखिलेश सरकार ने बसपा शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों को सजा दिलाने के बजाय अपनी पूरी ताकत पहले से भ्रष्टाचार के मामले में लोकायुक्त जांच में फंसे माया सरकार के मंत्रियों और नौकरशाहों को बचाने में लगा दी। इसलिए कई मामलो में एक जांच से दूसरी जांच के बीच में पत्रावलियों का ही अदान-प्रदान हो रहा है। अखिलेश सरकार भ्रष्टाचार के आरोपियों के खिलाफ चल रही जांच की पत्रावलियों को लम्बित कर पूरे मामले को ही दफन करने में लगी रही। 

उन्होंने कहा कि सूबे में करोड़ो रूपये के लैकफेड घोटाले में आरोपी रहे बसपा सरकार के मंत्रियों सहित अन्य प्रभावशाली लोगों के बरी होने से यह साबित हो गया है कि राज्य सरकार की लचर कार्य शैली का लाभ आरोपियों को मिल रहा है। न्यायालय ने भी अपने फैसले में कहा है कि जांच में कई स्तरों पर लापरवाही बरती गई। कोर्ट ने विवेचक की भूमिका पर की सवाल उठाये है। उन्होंने कहा अखिलेश सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने की बात तो करती है लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती। अभी भी भ्रष्टाचार के कई मामलो की जांच रिपोर्ट लम्बित हैं या जिन मामलों की जांच पूरी हो भी चुकी है उनकी पत्रावलियां भी किसी न किसी कारण से विभिन्न स्तरों पर लम्बित पड़ी हुई है।

भाजपा प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री से मांग की कि वे प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामलों में जांच के लिए अपने वायदे के अनुरूप तत्काल आयोग का गठन करें साथ ही जिन मामलों की जांच पूरी हो चुकी है उनमें दोषियों के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही करें।