लखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नाराज होकर शनिवार शाम अपने प्रमुख सचिव राकेश बहादुर और प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास तथा एनआरआई विभाग संजीव सरन को हटा दिया। सूत्रों ने बताया कि दोनों को प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है। उन्हें कहीं तैनाती नहीं दी गई है। मुख्यमंत्री ने दोनों अफसरों की काम करने की शैली से नाराज होकर उन्हें हटाया है। सरकार के प्रवक्ता ने दोनों अफसरों को हटाए जाने की पुष्टि की है। खास बात यह है कि राकेश बहादुर को मुख्यमंत्री का प्रमुख सचिव बने ज्यादा समय नहीं हुआ था। वे प्रमुख सचिव गृह पद से प्रोन्नत करके मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव बनाए गए थे। बताते हैं कि राकेश बहादुर मंत्रियों तक से मिलना-जुलना और बात करना पसंद नहीं करते थे।
संजीव सरन से तो मुख्यमंत्री पहले से ही नाराज थे। यहां तक कि पिछले दिनों उन्होंने संजीव सरन को 31 दिसंबर 2014 तक की चेतावनी के साथ तबादले के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री ने कहा था कि संजीव सरन ने ठीक से काम नहीं किया तो वे हटा दिए जाएंगे। उन पर ढीले अफसर होने का आरोप है। मुख्यमंत्री की चेतावनी को भी संजीव सरन ने गंभीरता से नहीं लिया और अपने काम का ढर्रा नहीं बदला, इसलिए वे हटा दिए गए।
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