एमिटी विश्वविद्यालय में इंस्पायर-2015 का शुभारम्भ,  पांच दिवसीय ‘इन्सपायर’ इंटर्न प्रोग्राम का आयोजन

लखनऊ: छात्रों में विज्ञान और तकनीकि विषय के लिए रुचि, रुझान और जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के लखनऊ परिसर में आज पांच दिवसीय ‘इन्सपायरइंटर्न शिप प्रोग्राम-2015’ का शुभारम्भ किया गया।

विज्ञान और तकनीकि विभाग, उत्तर प्रदेश के सहयोग से आयोजित इन्सपायर इंटर्नशिप प्रोग्राम का उद्धाटन मुख्य अतिथि राम मनोहर लोहिया संस्थान की निदेशिका प्रोफेसर नुसरत हुसैन ने दीप जलाकर किया। इस दौरान एमिटी विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर सेवा निवृत्त मेजर जनरल केके ओहरी (एवीएसएम), डीन विज्ञान एवं शोघकार्य प्रोफेसर कमर रहमान और निदेशक एमिटी बिजनेस स्कूल प्रोफेसर वीपी साही उपस्थित रहे।

इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए प्रोफेसर नुसरत हुसैन ने कहा कि, विज्ञान और तकनीकि के क्षेत्र में आने वाले छात्रों को सम्बंधित  विषय में निरंतर सवाल और उनके जवाब तलाश करते रहना चाहिए। उन्होने कहा कि, कोई भी खोज छोटी अथवा बड़ी नहीं हुआ करती समाज की बेहतरी के लिए हुई  हर खोज  महत्वपूर्ण है। छात्रों को शोधकार्याें के महत्व को समझाते हुए प्रोफेसर हुसैन ने कहा कि, शोध के क्षेत्र में कोई प्रतियोगिता नहीं हैं और हर खोजी शोधार्थी के पास सैकड़ों मौलिक विषय हुआ करते हैं बस उन्हें इस दिशा में भी काम करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि, देश की तरक्की के लिए जरूरी है कि, हम देश मंे विज्ञान और तकनीकी को प्रोत्साहित करें और बेहतरीन वैज्ञानिक पैदा करें। आज जरूरत है कि, विज्ञान और तकनीकी विषयों के प्रति छात्रों को प्रोत्साहित किया जाए।

इसके पूर्व छात्रों को इंस्पायर-2015 के बारे में बताते हुए वरिष्ठ वैज्ञानिक और एमिटी विश्वविद्यालय की डीन, विज्ञान एवं शोध प्रो. कमर रहमान ने विद्यार्थियों से कहा कि किसी भी देश की तरक्की विज्ञान और नई खोजों पर निर्भर करता है एसे में विकसित राष्ट्र बनने का सपना पूरा करने के लिए नौजवानों को विज्ञान और तकनीकि के क्षेत्र में महारत हासिल करनी होगी। उन्होने कहा कि महान वैज्ञानिक सीवी रमन के बाद से अब तक विज्ञान का नोबेल भारत नहीं आ पाया है, देश की उम्मीदें अपने युवा वैज्ञानिकों से लगी हुई हैं।

इंटर्नशिप के पहले दिन एआईआईटी के डा. राजीव पाण्डे ने छात्रों को हैकिंग और एथिकल हैकिंग के विषय में जानकारी दी। विभिन्न प्रयोगों और प्रदर्शनों के जरिए उन्होंने एथिकल हैकिग के उपयोग के बारे में छात्रों को समझाया। इसके बाद भटनागर पुरस्कार से सम्मानित डा. बरहाम श्रीवास्तव ने वैक्सीनेशन के इतिहास और उपयोगिता पर आधारित व्याख्यान दिया। उन्होने पोलियो का उदाहरण देते हुए बताया कि वैाज्ञानिक आज रातदिन इस प्रयास में लगे हैं कि, एचआईवी और इबोला जैसी घातक बीमारियों के वैक्सीन जल्द से जल्द बना लिए जाएं। एक अन्य सत्र में आईआईटीआर की मुख्य वैज्ञानिक डा. पूनम कक्कडत्र ने छात्रों को औषघीय वनस्पतियों और उनके उपयोग के बारे में बताया।

इंटर्नशिप कार्यक्रम में शहर के विभिन्न विद्यालयों के हाई स्कूल और इंटर में उच्चतम अंक प्राप्त किए हुए 200 से भी ज्यादा छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रही हैं। यह छात्र आनेवाले पांच दिनों तक विख्यात वैज्ञानिकों एवं विज्ञान शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किए जाएंगे।

कार्यक्रम में एमिटी बिजनेस स्कूल के निदेशक प्रो. वीपी साही ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दौरान विवि. के सभी विभागों के विभागाध्यक्षों सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।